नाबालिक के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा,फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट का फैसला
(अशोक कुमार अग्रवाल)
शक्ति( हाईटेक न्यूज )22 जुलाई 2022 नाबालिक को बहला फुसलाकर भगाने व दुष्कर्म करने वाले आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने 20 वर्ष के कठोर कारावास और 10000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत के अनुसार यह मामला सक्ती थाना क्षेत्र का है। अभियोक्त्री के पिता ने दिनांक 03.05.2021 को थाना शक्ति में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 2 मई 2021 को रात करीबन 10.00 बजे वे लोग खाना खाकर सो गये थे। रात्रि करीब 1 बजे अपनी पत्नी के साथ बाथरूम के लिये उठा तो देखे कि उसकी लड़की अपने बिस्तर में नहीं थी। दोनों ने आसपास पता किया पर कुछ पता नहीं चला। दिनांक 25.04.2021 को उसके पुत्र की शादी में ग्राम नगरदा का अनिल सागर व पुष्पेन्द्र चौहान आये थे, जिनके साथ उसकी लड़की बातचीत कर रही थी। नाबालिक मोबाईल से अनिल सागर से बातचीत करती थी। संभवतः अनिल सागर ही उनकी नाबालिग लड़की अभियोक्त्री को भगाकर ले गया है।
प्रार्थी की रिपोर्ट पर सक्ती पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 363 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।
विवेचना के दौरान नाबालिक को आरोपी के कब्जे से बरामद कर बरामदगी पंचनामा तैयार किया गया। नाबालिक का धारा 161 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत पुलिस कथन, CWC व न्यायिक मजिस्ट्रेट से धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत कथन कराया गया।
नाबालिक ने अपने बयान मे बताया की आरोपी द्वारा उसे बहला फुसलाकर भगाकर ले जाकर उसके साथ जबरजस्ती शारीरिक संबंध बनाया गया है । नाबालिक के बयान के आधार पर प्रकरण में धारा 366, 376 भादवि एवं धारा 06 पॉक्सो एक्ट जोड़ा गया। साथ ही नाबालिक एवं उसकी माता से सहमति प्राप्त कर नाबालिक का गुप्तांग परीक्षण कराया गया।
आरोपी के विरुद्ध दर्ज धाराओं के तहत अपराध सबूत पाये जाने पर उसे विधिवत गिरफतार किया गया। प्रकरण में विवेचना के दौरान घटनास्थल का नजरी नक्शा पुलिस अधिकारी व पटवारी द्वारा तैयार किया गया। जप्ती पत्रक के अनुसार जप्ती की कार्यवाही की गयी। गवाहों का कथन उनके बताये अनुसार लेखबद्ध किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
उभयपक्ष को अपने पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देने के पश्चात विचारण पूर्ण होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने अभियुक्त अनिल सहिस पिता लक्ष्मी प्रसाद उम्र 24 वर्ष निवासी नगरदा थाना नगरदा जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ को आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के अपराध के लिये 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,000 रूपये के अर्थदण्ड व भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366 के अपराध के लिये 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड की अदायगी में व्यतिक्रम करने पर क्रमशः 06-06 माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगतायी जाये। क्योंकि अभियोक्त्री नाबालिग है एवं लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 06 में दण्ड की मात्रा गुरूत्तर है अतः लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम की धारा 42 के तहत अभियुक्त को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 की उपधारा 2(ढ) के आरोप में दंडित न करते हुए अभियुक्त को लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 06 के अपराध के लिये 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है साथ ही अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड की राशि जमा नहीं करने पर 01 वर्ष का सश्रम कारावास पृथक से भुगताने का आदेश दिया है। अभियुक्त को दी गई सभी सजायें साथ-साथ चलेंगी।
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने पैरवी किया ।