विश्व हिंदी दिवस पर लेख अनामिका संजय अग्रवाल की कलम से
(अशोक कुमार अग्रवाल)
सकती/खरसिया(हाईटेक न्यूज़)14 सितंबर2022
आज विश्व हिंदी दिवस है ,हिंदी हमारी मातृ भाषा है इस सम्बंध में खरसिया की समाज सेविका एवं उभरती हुई रचनाकार ,लेखक अनामिका संजय अग्रवाल ने ‘हाईटेक न्यूज़” को हिंदी दिवस पर अपनी रचना प्रस्तुति की है ,जो निम्नलिखित है :-
हिन्दी
हिन्दी भारत मां के माथे पर सजती
देश की शान कहलाती।
अक्षर से शब्द बनकर फिर एक
अद्भुत रूप वो पाती।।
सरल सरस और मधुर हिन्दी
जन जन की भाषा कहलाती।
संस्कृत के उद्गम से ही लिपिबद्ध
हिन्दी भाषा आगे बढ़ती जाती।।
होकर परिपक्व हिन्दी व्यंजन से
वर्ण का रोपण करती है।
वर्ण के साथ व्यंजन की मात्रा मिलकर माला सी गुंथती जाती है।।
संस्कृत सुता ये मां शारदे के चरणो तले भारतभूमि में सदा ही बसती।
रस छंद अलंकार से पोषित हिन्दी
साहित्य को नभ तक पहुंचाती।।
तुलसी कबीर और सूरदास के हाथों
मीराबाई के वीणा में तन गई।
निराला प्रेमचंद और सुमित्रानंदन पंत के शब्दों
से सजकर ग्रंथ में ये समा गई।।
मां की लोरी पापा की हर बात में रहती
रोज की बातो में सरल सहज ये लगती।
शिशु की पुकार में पहले शब्द में बातो में आती
उसके रोने में हंसने में भी समा जाती।।
हिन्दी में हर रिश्ते भारतीय संस्कृति का आकार
बस गई है हिन्दी इससे ही हमारा परिवार।
हिन्दी में ही हमारे सब त्योहार हमारे संस्कार
इसी से ले रहा हमारा जीवन एक आकार।।
हिन्दी भारत मां के माथे पर सजती
देश की शान कहलाती।
अक्षर से शब्द बनकर फिर एक
अद्भुत रूप वो पाती।।
प्रस्तुति;-अनामिका संजय अग्रवाल मुस्कान
खरसिया ( छत्तीसगढ़)