महिला की हत्या करने वाले को आजीवन कारावास की सजा
द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ ममता भोजवानी का फैसला
(अशोक कुमार अग्रवाल)
सकती(हाईटेक न्यूज) 11मई 2023 अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के ए.जी.पी. ऋषिकेश चौबे ने बताया कि प्रार्थी राजकुमार यादव ग्राम अमलडीहा थाना चंद्रपुर के द्वारा दिनाँक 14.5.2022 को थाना चंद्रपुर में सूचना दिया कि दिनांक 12.5.2022 को उसके परिवार के सभी लोग खाना खाकर रात्रि में अपने घर में सोए हुए थे, उसकी माता सोनकुंवर घर के परछी में खाट में सोई हुई थी, उसकी पत्नी राजकुमारी, बहू सीता एवं उसका छोटा लड़का शंकर एवं वह कमरे में सोए थे बड़ा लड़का आरोपी नरेश यादव अलग कमरे में सोया हुआ था, तभी रात्रि 11:00 बजे उसकी मां की आवाज आने पर वह पर्छी में जाकर देखा उसकी मां खाट में बेहोश पड़ी हुई थी सिर में चोट लगी थी, खून बह रहा था पास में ही उसका बड़ा लड़का आरोपी नरेश यादव हाथ में डंडा (खटिया पाटी)लिए खड़ा था। तब उसने अपने लड़के नरेश से पूछा कि मां को क्यों मार दिया, तब आरोपी नरेश ने कहा कि डोकरी घर में लड़ाई झगड़ा करते रहती है इसलिए मार दिया जिंदा रहेगी तो घर में कलंक होता रहेगा। घटना पश्चात डायल 112 एवं 108 वाहन को बुलाकर उसकी मां को इलाज हेतु अस्पताल ले जाया गया गंभीर चोट को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रायगढ़ रिफर किया गया जहां इलाज के दौरान दिनांक 14.5. 2022 को उसकी मां सोनकुंवार की मृत्यु हो गई ।थाना चंद्रपुर में सूचना प्राप्त होने के पश्चात अपराध क्रमांक 66/2022 भारतीय दंड विधान के तहत प्रथम सूचना पत्र लिखा गया। मृतक का शव पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम करवाया गया। आरोपी नरेश यादव को गिरफ्तार कर उसका मेमोरेंडम कथन लिया गया उसके कथन के आधार पर एक जंगली लकड़ी का खाट का डंडा जप्त किया गया । संपूर्ण जांच पश्चात न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डभरा के न्यायालय में चालान पेश किया गया जहां से उपार्पन पश्चात प्रकरण शक्ति के न्यायालय में चला है। आरोपी को उसका आरोप सुनाए समझाए जाने पर उसने आरोपों से इनकार किया तथा अपने आप को निर्दोष होना बताते हुए उसे झूठा फंसाया जाना बताया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 14 गवाहों का बयान लिया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी का आशय अपने दादी की हत्या करना नहीं था किसी भी गवाह ने आरोपी द्वारा मृतिका को मारते हुए किसी ने नहीं देखा है वह निर्दोष है उसे झूठा फंसाया गया है। अभियोजन पक्ष का कहना था कि बिना किसी कारण के आरोपी के द्वारा अपनी दादी मां को खटिया की पार्टी से बेदर्दी पूर्वक मारकर हत्या किया गया है इसलिए उसे कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किया जावे। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश डॉक्टर ममता भोजवानी ने पाया कि आरोपी ने अपनी दादी मृतका सोनकुवार की हत्या करने के आशय से उसके सिर में लकड़ी की पार्टी से मारकर उसे ऐसी चोट पहुंचाई जिससे उसकी मृत्यु होना संभाव्य है तथा उसके बारे में उसे निश्चित रूप से यह ज्ञान था कि उक्त चोट से मृतका की मृत्यु हो सकती है अतः प्रकरण की संपूर्ण परिस्थितियों में आरोपी का कृत्य गंभीर प्रकृति का होना मांगते हुए आदेश दिनांक 10.5.2023 को आरोपी नरेश यादव को धारा 302 भारतीय दंड विधान के अपराध के लिए आजीवन कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किए जाने का आदेश प्रदान किया गया है। अर्थदंड की अदायगी के व्यक्तिक्रम पर आरोपी को पृथक से 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जावेगा। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता/अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया है।