उपभोक्ता आयोग बिलासपुर का फैसला ,मौसाजी मोटोकॉर्प को क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश
(अशोक कुमार अग्रवाल)
बिलासपुर(हाईटेक न्यूज़)14जून 2023
जिला उपभोक्ता आयोग बिलासपुर के अध्यक्ष श्री आनंद कुमार सिंघल ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए मौसाजी मोटोकॉर्प बिलासपुर द्वारा मेलुराम कर्मवीर को कार की डिलीवरी देते समय अपनी टाई अप अनुबंधित बीमा कंपनी से बीमा कराए जाने हेतु बाध्य किया था। आयोग ने ऐसे कृत्य को अवरोधक व्यापारी व्यवहार मानते हुए ₹50000 जुर्माना प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश दिया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 2(41) के अनुसार कोई भी व्यक्ति, विक्रेता किसी भी उपभोक्ता को इस प्रकार बाध्य नहीं कर सकता कि वह किसी माल या सेवा की पूरोभाव्य शर्त के रूप में क्रय करने के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार मूल्य के विपरीत या उपभोक्ता की पसंद की किसी वस्तु क्रय करने से अथवा कोई सेवा प्राप्त करने में कोई अवरोधक शर्त रखे। तथ्यों के अनुसार मेलुराम कर्मकार ने मौसाजी मोटोकॉर्प बिलासपुर से एक कार बुक कराई थी जिसमें संपूर्ण राशि जमा करने के बाद उसे उसी शोरूम से टाईअप कंपनी का बीमा कराए जाने हेतु बाध्य किया गया और महंगी असेसरीज भी शोरूम से लेने हेतु कहा गया । जिसे परिवादी मेलु राम कर्मवीर ने इनकार करते हुए अपनी पसंद की बीमा कंपनी से स्वयं बीमा कराना कहा । जिस पर मौसाजी मोटोकार्प बिलासपुर द्वारा वाहन की डिलीवरी देने में इनकार किया गया। पूरा पैसा जमा होने के पश्चात भी जब मेलुराम कर्मवीर को वाहन की डिलीवरी नहीं दी गई तब उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से मौसाजी मोटोकार्प को नोटिस दिया और स्वयं बीमा करा कर प्रस्तुत किया तब 15 दिनों विलंब से वाहन की डिलीवरी दी गई। जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनवाई पश्चात पाया कि मौसाजी मोटोकॉर्प द्वारा अवरोधक व्यापारी व्यवहार के तहत उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। परिवाद में वर्णित शिकायत सही साबित पाते हुए उसे ₹50000 क्षतिपूर्ति के रूप में देने का तथा परिवाद के व्यय के रूप में 2000 रू दिए जाने का आदेश दिया गया है । साथ ही मौसाजी मोटोकॉर्प को यह भी आदेशित किया गया है कि भविष्य में किसी भी उपभोक्ता के साथ इस प्रकार का अवरोधक व्यापारी व्यवहार नहीं करेगा। यह आदेश अन्य सभी विक्रेताओं पर भी लागू होता है उन्हें भी सबक लेना चाहिए कि किसी भी उपभोक्ता को इस प्रकार बाध्य नहीं किया जा सकता । उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा हेतु बना हुआ है , जिसके पालन का दायित्व सभी का होता है।