चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स चुनाव में योगेश के व्यापारी एकता पैनल को मिली करारी हार
आपसी गुटबाजी बना हार का कारण ,जय व्यापार पैनल के अमर पारवानी की टीम ने जीत का परचम लहराया
(अशोक कुमार अग्रवाल )
रायपुर (हाई टेक न्यूज़ )23मार्च 2021 छत्तीसगढ़ चैंबर के 60 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सबसे ताकतवर माना जाने वाला व्यापारी एकता पैनल बुरी तरह हारा और चैंबर की सत्ता ही बदल दी गई। प्रदेश के कद्दावर कारोबारी नेताओं श्रीचंद सुंदरानी, रमेश मोदी और पूरनलाल अग्रवाल के नेतृत्व वाले इस पैनल को व्यापारियों ने पूरी तरह खारिज कर दिया।
अलग-अलग क्षेत्रों में प्रभाव रखनेवाले नेताओं में पूर्व चैंबर अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा, पंडरी मार्केट के अध्यक्ष चंदर विधानी, सराफा कारोबारी तिलोक बरड़िया से लेकर दिलीप सिंह होरा और हरचरण साहनी का सक्रिय साथ भी एकता पैनल के एक भी प्रत्याशी को जीत के नजदीक तक नहीं पहुंचा सका। हमेशा चैंबर चुनाव जीतने या जितवाने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी के सारे दांव उल्टे पड़े और पूरा पैनल लेकर मैदान में आए पूर्व चैंबर अध्यक्ष अमर पारवानी और टीम के सामने एकता पैनल जैसा अभेद गढ़ ढह गया।
चैंबर चुनाव की खास बात यह भी है कि जीतनेवाले ज्यादा नेता युवा हैं। जय व्यापार पैनल के हर प्रत्याशी को 7 हजार से अधिक वोट मिले हैं। चैंबर में सभी समाजों के व्यापारी हैं, लेकिन कुछ समाज प्रभावशाली भूमिका निभाते रहे हैं। जीतने वाले पैनल के उम्मीदवारों को मिले वोटों के आधार पर जानकारों का आंकलन है कि वे हर समाज के व्यापारियों का वोट पाने में कामयाब रहे हैं।
चैंबर चुनाव राइस मिलर्स एसोसिएशन के दशकों अध्यक्ष रहे योगेश अग्रवाल के मैदान में आने से उत्सुकतापूर्ण हो गया था। लेकिन माना जा रहा है कि एकता पैनल के कद्दावर नेताओं के खिलाफ कारोबारियों में नाराजगी योगेश की छवि पर भी भारी पड़ गई और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
3 साल काम करने का नतीजा : अमर पारवानी
छत्तीसगढ़ चैंबर में पिछले तीन साल झगड़े होते रहे और व्यापारी जीएसटी समेत कई बातों से परेशान रहा। हम व्यापारियों के बीच गए, उनकी परेशानी दूर करने की कोशिश की, इसलिए उन्होंने हमारा साथ दिया। हमारे पैनल से 80 फीसदी से ज्यादा उम्मीदवार पहली बार लड़े और एकतरफा जीते।
तैयारी के लिए 3 माह ही मिले : योगेश अग्रवाल
विरोधी पैनल के लोग तीन साल से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। मुझे उम्मीदवार बनाया गया, तब तीन महीने ही मिले। इस हिसाब से मेरा प्रदर्शन बेहतर रहा है। अधिकतर जिलों में हमारे पैनल के उपाध्यक्ष और मंत्री जीते। एक चुनाव से पैनल की ताकत खत्म नहीं होती। एकता पैनल आगे भी बना रहेगा।
तीन साल के प्रमुख विवाद
महामंत्री लालचंद गुलवानी और कोषाध्यक्ष से विवाद के बाद चैंबर अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने इस्तीफा दे दिया था।
चैंबर की वेबसाइट बनाने में खर्चे को लेकर कोषाध्यक्ष प्रकाश अग्रवाल और विनय बजाज का झगड़ा महीनों चला।
उपाध्यक्ष भरत बजाज और कई पदाधिकारियों के बीच मुद्दों पर झगड़ा इतना बढ़ा कि कोर्ट पहुंचने की नौबत आई।
कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनाने से नाराज राजेंद्र जग्गी ने दूरी बनाई और आखिरी समय में पारवानी के साथ हो गए।
युवा चैंबर को भंग करने से नाराज होकर श्रीचंद सुंदरानी ने भी संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में लौटे।
पहले अजय भसीन को महामंत्री चुनाव लड़ाने ऑफर दिया गया, लेकिन बाद में वासवानी का नाम घोषित किया।
सारे दिग्गज हार गए चुनाव : पंडरी कपड़ा मार्केट के अध्यक्ष चंदर विधानी तीन बार से चैंबर उपाध्यक्ष का चुनाव जीत रहे थे, लेकिन इस बार हार गए। सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू भी पराजित रहे। दवा एसोसिएशन में अश्विनी विग और वासु जोतवानी, पिछला चुनाव जीत चुके सुभाष अग्रवाल और राजू तारवानी भी जीत नहीं पाए। एमजी रोड व्यापारी संघ के सुदेश मंध्यान, चैंबर के पूर्व चेयरमैन स्व. अमर धावना के पुत्र आकाश धावना, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सुखदेव सिंह सिद्धू भी मंत्री पद का चुनाव हार गए। ये सभी एकता पैनल के उम्मीदवार घोषित किए गए थे ।
खैर चुनाव में जीत हार लगी रहती है दोनों पक्ष में से एक पक्ष जीतता ही है अब व्यापारियों ने चेम्बर के सभी पदाधिकारियो से मांग की है कि चुनाव के समय हुए आपसी मदभेद भुलाकर सभी लोगो को चेम्बर को और मजबूती प्रदान करने के एक जुटता का परिचय देना होगा ताकि शासन प्रशासन से मिलकर व्यापार में आने वाली बाधाओं एवं चुनावी वादों एवं घोषणा पत्रों पर अमल करने की सार्थक प्रयास मिल जुलकर दोनों पैनल के सभी लोगो को करना होगा ,क्योकि व्यपारियो ने जिस उद्देश्य से पैनल चुनाव में बढ़ चढ़ कर भाग लिया था अब उसका सुखद परिणाम देने का अवसर आ गया है ।
प्रदेश के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नवनिर्वाचित चेम्बर के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी का मुँह मीठा कर पूरे चेम्बर में विजयी सभी पदाधिकारियो एवं सदस्यों एवं निर्वाचन पदाधिकारियो को बधाई दी है ।