केंद्र सरकार को हाई कोर्ट ने फटकार लगाई, संभव हो तो हवाई जहाज से ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति करे,उद्योगों की सप्लाई बंद करे
(अशोक कुमार अग्रवाल )
नई दिल्ली (हाईटेक न्यूज) 22अप्रैल 2021 दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन कमी की भयावह तस्वीर सामने आई है. मैक्स अस्पताल ने अपने कोटे का आक्सीजन एम्स को देने का आरोप लगाया है. अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है. मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि सरकार जरूरत के हिसाब से सभी उद्योगों को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर देनी चाहिए. यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा हो.
हाई कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि सरकार स्थिति की गंभीरता को क्यों नहीं समझ पायी? हम चकित हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है लेकिन इस्पात संयंत्र चल रहे हैं. औद्यौगिक घरानों को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर टाटा समूह अपने इस्पात संयंत्रों के लिए उत्पादित ऑक्सीजन चिकित्सीय उपयोग के लिए मुहैया करा सकता है तो अन्य लोग क्यों नहीं ऐसा कर सकते? यह लालच की पराकाष्ठा है.
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आपको डिमांड और सप्लाई का कोई अंदाजा क्यों नहीं है? केंद्र ऑक्सीजन जल्द से जल्द अस्पतालों में भेजने के लिए रोड पर डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाए और अगर संभव हो तो ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट कराया जाए. हाईकोर्ट ने कहा कि इससे ज्यादा हम क्या आदेश करें.
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति रास्ते में है और जल्द ही अस्पताल पहुंच जाएगी. उन्होंने बताया कि एक मैक्स अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचाई जा चुकी है. इस पर अदालत ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि आप (केंद्र) ऑक्सीजन पहुंचाएंगे. पटपड़गंज अस्पताल को दो घंटे में ऑक्सीजन की आपूर्ति मिल जाएगी. लेकिन कई अन्य अस्पताल भी कमी का सामना कर रहे हैं. आप इसे लेकर एक आदेश जारी कर सकते हैं क्योंकि यह राष्ट्रीय आपातकाल है, कोई उद्योग इससे इनकार नहीं करेगा.
मैक्स अस्पताल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने अदालत को बताया कि वैशाली और गुरुग्राम के मैक्स अस्पताल में आठ घंटे की ऑक्सीजन बची है, जो ज्यादा से ज्यादा गुरुवार की सुबह तक चल सकती है.
भारत सरकार में अतिरिक्त सचिव और ऑक्सीजन आपूर्ति के इनचार्ज सुमिता दावरा ने अदालत को बताया कि इस समय ऑक्सीजन का उत्पादन आठ हजार मीट्रिक टन है. अदालत ने कहा कि मामले में तथ्य यह है कि ऑक्सीजन की कमी है और हमें इसे पूरा करना है. अदालत ने कहा कि हम ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की वजह से लोगों को मरते हुए नहीं देख सकते. दिल्ली हाईकोर्ट ने दर्ज किया कि केंद्र ने आश्वासन दिया है कि वह दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा.