सखी वन स्टाप सेंटर पिड़ित महिलाओं को एक स्थान पर सहायता देने वाली संस्था- जिला कार्यक्रम अधिकारी
(अशोक कुमार अग्रवाल )
जांजगीर-चांपा(हाई टेक न्यूज )09 जून,2021
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रीति खोखर चखियार ने कहा कि
महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सखी वन स्टाॅप सेन्टर का संचालन 24X7 किया जा रहा है। यह पीड़ित एवं प्रताड़ित (जैसे- घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना, लैंगिक हिंसा, टोनही प्रताड़ना, एसिड अटैक, भटकती अवस्था, छेड़छाड़, धोखधड़ी, दैहिक शोषण, बाल विवाह, बलात्कार, सायबर अपराध इत्यादि) किसी भी आयु वर्ग की महिलाओं को एक ही छत के नीचे तत्काल सुविधा एवं सहायता उपलब्ध कराने वाली संस्था है।
जिले में सखी वन स्टाॅप सेन्टर 07 मार्च 2017 से संचालित है। यह संकटग्रस्त महिलाओं को एक छत के नीचे बिना किसी भेदभाव के चाहे वह किसी भी उम्र, वर्ग, जाति, धर्म के है शैक्षणिक स्तर, वैवाहिक स्तर, सभ्यता व संस्कृति की हो, को एकीकृत रूप से आवश्यकतानुसार विधि-सम्मत कार्यवाही करते हुए सुविधा एवं सहायता उपलब्ध कराती है। इसके अंतर्गत चिकित्सकीय सहायता, आपातकालीन सहायता एवं बचाव, विधिक परामर्श, विधिक सलाह, विधिक सहायता, महिलाओं को पुलिस सहायता के अंतर्गत एफ.आई.आर, डी.आई.आर. करने में सहायता उपलब्ध कराना, मनोवैज्ञानिक सामाजिक परामर्श, सलाह व सहायता, आपातकालीन अस्थायी आश्रय सुविधा आदि सेवाएं एवं सहायता उपलब्ध कराती है। किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, अवैध व्यापार, नीचा दिखाया जाना, एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं को विशिष्ट सहायता उपलब्ध कराती है।
सखी जांजगीर में प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक कुल 676 प्रकरण दर्ज किये गये है। जिनमें 633 प्रकरणों में पीड़ित महिलाओं को सखी द्वारा आवश्यकतानुसार विधि-सम्मत कार्यवाही करते हुए सुविधा व सहायता प्रदान की जा चुकी है। तथा 42 प्रकरण प्रक्रियाधीन है। सखी जांजगीर में कुल 699 काउंसलिंग की गयी है जिनमें काउंसलिंग के माध्यम से 59 प्रकरणों में टूटते हुए परिवारों का पारिवारिक एकीकरण कराया गया। आज तक 222 महिलाओं को आपातकालीन अस्थायी आश्रय एवं 04 महिलाओं को स्थायी आश्रय उपलब्ध कराया गया है।
42 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज तथा 40 प्रकरणों में पीड़िताओं को विधिक सहायता उपलब्ध करायी गयी है साथ ही 20 पीड़ित महिलाओं को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराया गया है। ऐसी महिलायें जो अन्य राज्यों में फंसी थी इन महिलाओं को अन्य राज्यों से वापस लाते हुए उनके परिवार जनों के साथ काउंसलिंग कर उन्हे उनके परिवार व घर तक वापस पहुंचाया गया। कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए लाॅेडाउन की स्थिति में अति संवेदनशील प्रकरणों पर गंभीरता पूर्वक कार्य करते हुए सहायता उपलब्ध करायी गयी।