पत्नी के हत्यारे शंकालु पति को आजीवन कारावास की सजा,प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे का फैसला
(अशोक कुमार अग्रवाल )
सक्ति (हाई टेक न्यूज ) 27अगस्त 2021
अभियोजन के अनुसार घटना का विवरण इस प्रकार से है कि अभियुक्त एवं मृतिका सुमन आपस में पति-पत्नी हैं दोनों का विवाह घटना दिनांक से 17 -18 वर्ष पूर्व हुई थी दोनों पति पत्नि के बीच आपस में वाद-विवाद लड़ाई झगड़ा आए दिन होते रहता था ।दोनों के दांपत्य जीवन से तीन संतान भी हैं घटना के पूर्व 2 वर्ष से मृतिका का इलाज उसके मायके में चल रहा था। घटना के 1 दिन पूर्व अभियुक्त अपनी पत्नी को उसके मायके से लेकर ग्राम नवरंगपुर आया था। घटना दिनांक को भी दोनों पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ अभियुक्त अपनी पत्नी के चरित्र पर शंका करता था तथा इसी के चलते अभियुक्त ने अपनी पत्नी पर टांगी से प्राणघातक हमला कर उसकी हत्या कर दी। घटना की सूचना प्यारेलाल चौहान के द्वारा मोबाइल से थाना शक्ति को दी गई दिनांक 9 .9.2019 को करीब 11:30 बजे अभियुक्त तुलसी दास वैष्णव खून से लथपथ स्थिति में भाग रहा था अभियुक्त के घर जाकर देखने पर अभियुक्त की पत्नी सुमन अपने घर में खून से लथपथ स्थिति में मृत अवस्था में पड़ी हुई थी। उसके कान एवं कनपटी के पीछे काफी गहरा चोट था तथा फर्श पर खून से सनी टांगी पड़ी हुई थी। अभियुक्त के विरुद्ध धारा 302 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया न्यायालय में सभी अभियोजन गवाहों का बयान लिया गया तत्पश्चात न्यायालय श्रीमान प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती गीता नेवारे ने अपने निर्णय दिनांक 25 .8. 2021 के अनुसार आरोपी तुलसी दास वैष्णव को भारतीय दंड विधान की धारा 302 के अंतर्गत दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन पक्ष की ओर से श्री दुर्गा प्रसाद साहू अपर लोक अभियोजक ने पैरवी किया।