आज छत्तीसगढ की स्थापना दिवस पर उसी के सम्मान मे विशेष लेख
(अनामिका संजय अग्रवाल )
खरसिया (हाईटेक न्यूज़ ) 01 नवम्बर 2021 हाई टेक न्यूज़ डॉट कॉम की खरसिया की महिला प्रतिनिधि अनामिका अग्रवाल जो कि लेखन ,समाजसेवा में विशेष रुचि रखती है ,उन्होंने आज छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 22 वर्ष के उपलक्ष्य में यह स्वरचित रचना प्रेषित की है ।इन्हें विभिन्न वाद विवाद में अनेकों प्रंशस्ति पत्र मिल चुके है एवं इन्होंने लेखन के छेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है ,प्रस्तुत है उनके द्वारा भेजी गई प्रस्तुति
मैं छत्तीसगढ़
हिंदुस्तान की लाड़ल बेटी
मध्यप्रदेश के साथ साथ चली
28 बहनों के साथ खेलकर में बढ़ी हुई
21 नवंबर 2000 को अपना मैं रूप पाई
जोगीजी, रमनसिंह के बाद
भूपेश बघेल ने संवारा है मुझे ।
कोरबा की बिजली और भोपाल के स्टील प्लांट ,आईआईटी ,आईआईएम और एम्स जैसे सौगातो से सजाया है मुझे।।
धान का तो मैं विशाल भंडार कहलाता ।
लोहा ,कोसा और सीताफल भी पाया जाता ।।
साल सागौन ,ईमलीऔर महुआ पाया जाता ।
बाघ ,भालू और अजगर से डराता ।।
चित्रकूट की घाट के साथ मैनपाट का भी अजूबा।
भोरमदेव बमलेश्वरी और दंतेश्वरी मां ।।
अरपा पैरी महानदीधार मैकाल के पहाड़ से पाया।
एक अनोखा रूप है मेरी शान बढ़ पाया।।
लुंगी -लहंगा पहनावा के साथ तीजा पोरा मनाती।
मुठिया चीला ,अरसाभात जैसे पकवान से महकती।।
रावत नाचा,सुआ,पंडवानी संग फुगड़ी और लंगड़ी जैसी संस्कृति से पहचान बन जाती ।
आकर छत्तीसगढ़ फिल्म कलाकार, महान हस्तियां सबसे बढ़िया छत्तीसगढ़िया का नारा जरूर लगाती।।
‘गड़बो नवा छत्तीसगढ़ ‘बोलते हुए
‘अरपा पैरी के धार ‘गुनगुनायेगें।
मैना भैंसा गेंदा और साल के साथ
झुमते हुये आग बढते जायेगें।।