खरसिया की फिजाओं में गूंजती बुलंद आवाज शांत हो गई ,महाबीर कबुलपुरिया
कुशल नेतृत्व, ओजस्वी वक्ता, स्पष्टवादिता और सिद्धांतवादी थे महावीर कबुलपुरिया :-
(अशोक कुमार अग्रवाल)
खरसिया(हाईटेक न्यूज)10जनवरी 2022 खरसिया नगर के प्रतिष्ठित कबुलपुरिया परिवार के मुखिया प्रसिद्ध समाजसेवी श्री महावीर कबुलपुरिया का 82 वर्ष की आयु में गत 4 तारीख मंगलवार को अकस्मात हृदयगति रुक जाने की वजह से दुःखद निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेश (राजू) के द्वारा मंगलवार को प्रियजनों की उपस्थिति में स्थानीय मुक्तिधाम में किया गया। उन्हें प्रारम्भ से ही समाजसेवा में रुचि होने के कारण वे अपना ज्यादातर समय समाजसेवा को दिया करते जिससे उनकी कीर्ति चारों तरफ फैलती चली गई और वे आगे चलकर अनेकों शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं में ट्रस्टी, आजीवन सदस्य व अहम पदों पर कार्यरत रहे।
मिलनसार तथा स्पष्टवादिता थे अनमोल रत्न :-
महावीर कबुलपुरिया में सबको साथ लेकर चलने की खास कला थी इसी वजह से वे अपने प्रियजनों और रिश्तेदारों के बीच “कबुलपुरिया जी” के नाम से मशहूर हुए। वे सभी कार्य बड़ी रुचि से सबको साथ में लेकर किया करते और जो भी कहना रहता वे साफ व स्पष्ठ शब्दो मे कह दिया करते। कबुलपुरिया जब किसी भी मंच का संचालन किया करते तो उस कार्यक्रम को जोश व उत्साह से भर दिया करते। कोई भी सामाजिक, सांस्कृतिक या सार्वजनिक कार्यक्रम उनके मंच संचालन के बैगर नही हुआ करता था।
लाखों की भीड़ को सम्हाल लेने की अद्भुद छमता थी :-
महावीर कबुलपुरिया कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार थे। उनके आकस्मिक व अविश्वसनीय निधन के समाचार सुनते ही प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री व खरसिया के विधायक उमेश नंदकुमार पटेल ने उनके पौत्र योगेश कबुलपुरिया से टेलीफोन पर जानकारी ली और दुःख जताया। पटेल में कहा कबुलपुरिया जी कांग्रेस के एक मजबूत स्तंभ थे और कांग्रेस का बड़ा से बड़ा व छोटा से छोटा कार्यक्रम उनकी उपस्थिति के बगैर नही हुआ। उनमे लाखों की भीड़ को सम्हाल लेने की अद्भुद छमता होने के साथ चुनाव के बारीक से बारीक जानकारी का अनुभव था। उनके निधन से पूरे जिला कांग्रेस परिवार को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई कभी नही की जा सकती। कॉलेज ग्राउंड में सोनिया जी या राहुल गांधी जी के कार्यक्रम से लेकर टाउनहॉल के ऐतिहासिक दशहरा मेला की लाखों की भीड़ को केवल माइक से संचालित कर पाने की अद्वितीय छमता केवल कबुलपुरिया जी के पास थी। पूरा कांग्रेस परिवार इस समय उनके परिवार के साथ खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा।
जिले के विभिन्न दलों के नेताओ ने दी श्रधांजलि :-
महावीर कबुलपुरिया के दुःखद निधन पर प्रदेश के राजस्व मंत्री व कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल, धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया, रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक, सारंगढ़ विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े, परिवेश मिश्रा, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, सांसद गोमती देवी साय, पूर्व सभापति शेख सलीम निरानीया, गिरधर गुप्ता, बजरंग अग्रवाल (एलआर), गौतम अग्रवाल, गुरूपाल भल्ला, हनुमान अग्रवाल, गोपाल शर्मा, विजय जयसवाल, अभय मोहंती, नेत्रानंद पटेल, नयना मनोज गबेल, नीरज पटेल समेत अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने गहरा दुःख जताया और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।
विभिन्न धर्मादा ट्रस्ट, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं ने ढांढस बंधाया :-
महावीर कबुलपुरिया के आकस्मिक निधन पर अग्रेसन जनकल्याण ट्रस्ट, शारदा शिक्षण कल्याण ट्रस्ट, जानकी धर्मशाला ट्रस्ट, गायत्री शक्ति पीठ, झुंझुनू वाली रानी सती मंदिर धर्मादा ट्रस्ट, नागरिक शिक्षण समिति, नेशनल कान्वेंट स्कूल, मदन मोहन गौशाला, रोटरी क्लब, लायंस क्लब ऑफ खरसिया सिटी, लियो क्लब, राईसमिल एसोसिएशन, मारवाड़ी युवा मंच, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स खरसिया व रायगढ़, छत्तीसगढ़ प्रांतीय युवा अग्रवाल मंच, अग्रेसन सेवा संघ, चक्रधर बल सदन, रोटरी क्लब ऑफ रायगढ़ स्टील सिटी के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष समेत सभी ट्रस्टियों और सदस्यों ने गहरा दुःख जताया।
अनेक समाज व उनके समाजसेवियों व चिकित्सकों ने शोक व्यक्त किया :-
रायगढ़ व खरसिया में निवासरत गुजराती समाज, सिख समाज, सिंधी समाज, मुस्लिम समाज, ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों के साथ विभिन्न संस्थाओं से जुड़े समाजसेवी जैसे संजय अग्रवाल (एनआर), सुनील रामदास अग्रवाल, सुनील अग्रवाल लेन्ध्र, डॉ राजू, डॉ रूपेंद्र पटेल, डॉ सजन अग्रवाल, डॉ तिवारी, डॉ आरसी अग्रवाल, डॉ प्रकाश मिश्रा, डॉ प्रभात पटेल, प्रदीप गर्ग, मुकेश कलानोरिया, बजरंग महामिया, अनिल गर्ग, मनोज गोयल, राजेन्द्र अग्रवाल चैम्बर, राजेश अग्रवाल (छग एग्रो), हेमंत थवाईत, नवीन शर्मा, प्रमोद अग्रवाल (चरक), अशोक अग्रवाल (वरिष्ठ पत्रकार) शक्ति, अनिल रतेरिया, विजय केडिया समेत जिले के लगभग सभी वर्ग, धर्म और समाज के समाजसेवियों ने महावीर कबुलपुरिया के साथ अपने यादगार लम्हों को साझा करते हुए उनके दुःखद निधन पर शोक व्यक्त किया और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।
मित्रों ने किस्से साझा कर पलों को फिर से जिया :-
कबुलपुरिया के मित्रों ने उनके निधन के बाद बैठक में एक एक करके उनके साथ बिताए पलों को साझा किया जिससे सभी की आँखे नम हो गयी और जिसने भी सुना वो समय मे पीछे जा कर उन लम्हों को फिर से जी उठा। बंशीलाल चौधरी, जगन्नाथ शर्मा, बिरजू अग्रवाल, बाबूलाल गर्ग, ओमप्रकाश (दालु), हंशमुख भाई पटेल, जगदीश अग्रवाल, ऋषि अग्रवाल, राम सराफ, विनोद शर्मा समेत सैकड़ो मित्रों ने अपने अपने अनुभव साझा किए और शोकसंतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।
15 को बरवाह व 16 को पगड़ी की रस्म :-
कबुलपुरिया जी का निधन 4 तारीख को हो गया था जिनका बारहवाँ दिनांक 15 जनवरी शनिवार दोपहर में उनके पैतृक निवास में सम्पन्न होगा और पगड़ी रस्म अगले दिन 16 जनवरी रविवार सुबह 10 बजे पैतृक निवास में सम्पन्न होगी।