जेल में बंदी कैदी के साथ मारपीट ,भेट ,मुलाकात कराने के नाम अवैध रकम उगाई की दर फिक्स
(अशोक कुमार अग्रवाल)
बिलासपुर (हाईटेक न्यूज)20सितम्बर 2022 गौरेला -पेंड्रा-मरवाही जिला जेल में बंद कैदी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। 15 दिन पूर्व हुए कैदी के पिटाई में हाथ फैक्चर हो गया था जिसे जेल प्रबंधन में दबाए रखा मामला बिगड़ते देख आज जिला अस्पताल इलाज के लाया लाया गया परंतु गंभीर चोट होने के कारण उसे सिम्स मेडिकल कॉलेज बिलासपुर रिफर किया गया है ,धारा 420 यानी धोखाधड़ी के विचाराधीन आरोपी शिवकुमार को गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। साथ ही कैदी ने जेल प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया है कि परिजनों से मिलने के लिए रुपए की मांग की जाती है।
जेल में वर्चस्व और वसूली की लड़ाई को लेकर विचाराधीन कैदी की जमकर पिटाई हो गई, मामला 15 दिन पुराना है जब धारा 420 के तहत आरोपी विचाराधीन कैदी शिवकुमार को न्यायालय ने न्यायिक अभिरक्षा में पेण्ड्रारोड जेल भेजा था जिला अस्पताल लाया गया जहां उसने जेल प्रशासन पर कैदियों के साथ मारपीट का गंभीर आरोप लगाया कैदी का कहना था कि परिजनों से बात कराने , मुलाकात कराने का रेट जेल प्रशासन ने फिक्स कर रखा है 5 मिनट फोन से बातचीत करने का ₹500, 10 मिनट का 1000, 15 मिनट का 1500 फिक्स है ।
इतना ही नहीं जेल प्रशासन की बात ना मानने पर कैदियों की जमकर पिटाई होती है विचाराधीन कैदी शिवप्रसाद के आरोपों के अनुसार प्रहरी के पद पर पदस्थ फुलेश्वर साहू ने उसकी जमकर पिटाई की ।
प्लास्टिक के डंडे से हुई पिटाई के बाद कैदी का हाथ टूट गया पर मामला दबाए रखने के लिए जेल प्रशासन ने कैदी का इलाज नहीं कराया 15 दिन बाद हाथ में लगातार दर्द होने पर कैदी शिवकुमार को जिला अस्पताल लाया गया ।
जहां एक्स-रे के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल से सिम्स बिलासपुर रेफर कर दिया क्योंकि चोट 15 दिन पुरानी है जिसकी वजह से मामला गंभीर हो सकता है मामले में जेल प्रशासन से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अब तक सामने नहीं आया है वही इस पूरी घटना ने जेल के अंदर चल रहे गड़बड़ झाले को सामने ला दिया है।
अब यहाँ सवाल यह उठता है कि जब जेल में बंद विचाराधीन कैदी के साथ जानवरो से भी ज्यादा सलूक किया जाता है तो कैदी जाए तो जाए कहां ,जिला प्रशासन को चाहिए इस घटना की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी व्यक्ति के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के साथ अवैध रकम वसूली पर भी रोक लगाने के लिए आवश्यक कड़े कदम उठाने चाहिए ।