घूसखोर 2 एसडीएम के बाद अब एसपी पर गिर सकती है एसीबी की गाज
(अशोक कुमार अग्रवाल )
जयपुर (राजस्थान ) में इन दिनों एसीबी एक्शन मोड में है। दौसा जिले के दो एसडीएम और तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल के दलाल के ट्रैप होने के बाद अब एसपी पर भी गाज गिर सकती है। बताया जा रहा है कि इस पूरे रैकेट ने घूसखोरी के लिए जिले में आतंक मचा रखा था। एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ तो सीएम अशोक गहलोत तक कई शिकायतें पहुंची थी लेकिन इसके बावजूद एसपी का दुस्साहस इतना रहा कि वे सीएम से भी नहीं डरे और उनका लालच बढ़ता ही गया।
सीएम अशोक गहलोत तक कंपनी के प्रतिनिधि ने शिकायत पहुंचाई। इसमें कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया था कि पूरे दस्तावेज होने के बावजूद पुलिस निर्माण कार्य में जुटे वाहनों को घंटों तक रोकती है। वाहनों का चालान किया जाता है। इसके बाद भी वाहन नहीं छोड़े जाते है। वाहन रोकने पर थानों में संपर्क करने पर जवाब मिलता है कि एसपी साहब से बात कर लो। कंपनी ने शिकायत में कहा कि संभवतः एसपी के अप्रत्यक्ष निर्देश है कि इतना परेशान करो कि कंपनी दबाव में आ जाए और उनसे मुलाकात करे।
घूसखोरी से परेशान हुई हाईवे निर्माता कंपनी
हाईवे का निर्माण कर रही कंपनी ने घूसखोरी से परेशान होकर पहले आईजी और फिर पुलिस महानिदेशक से शिकायत की। इतना ही नहीं तबादलों में गड़बड़ी को लेकर तो खुद रेंज आईजी ने डीजी से शिकायत की थी। लेकिन, इसका भी एसपी मनीष अग्रवाल पर कोई असर नहीं हुआ। आखिर कंपनी ने सीएम को मनीष अग्रवाल के खिलाफ नामजद शिकायत दी। इसके बाद भी एसपी कंपनी पर लगातार दबाव बनाते हुए 38 लाख रुपए मांगते रहे। कंपनी से पिछले सात माह की बंधी के 28 लाख रुपए और बांदीकुई थाने में दर्ज एफआईआर के निस्तारण के लिए 10 लाख रुपए मांगे जा रहे थे।
एसपी से मिलो तो मिलेगा जाब्ता
कंपनी ने अपने पत्र में यह भी बताया कि निर्माण कार्य के दौरान कई बार स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया। विवाद की स्थिति को देखते हुए कंपनी ने पुलिस से मदद मांगी तो जवाब मिला कि एसपी से मिलने पर ही जाब्ता दिया जाएगा। कंपनी ने ऐसी शिकायतें कलक्टर व अन्य उच्च स्तर पर भी की। लेकिन कोई असर नहीं हुआ।