IPS को अगवा करने की धमकी, 1 करोड़ के रिश्वत की हुई पेशकश, मर्डर मिस्ट्री सुलझाने में माहिर श्रीलेखा की कहानी
अशोक कुमार अग्रवाल )
त्रिवन्तपुरम (केरल) (हाईटेक न्यूज़ ) 11 मार्च 2021
यूं तो देश की बहादुर महिला आईपीएस अधिकारियों की फेहरिस्त में कई नाम शुमार हैं। आज हम बात करेंगे 1987 बैच की महिला आईपीएस अधिकारी आर श्रीलेखा की। आर श्रीलेखा केरल से पहली महिला आईपीएस अफसर थी और उनको केरल की पहली महिला डीजीपी बनने का श्रेय भी हासिल हुआ।
साल 1960 में जन्मीं आर श्रीलेखा उस वक्त प्रशासनिक सेवा में शामिल हुईं जब वो रिजर्व बैंक में ऑफिसर के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने कोट्टायम जिले में असिस्टेंड सुपरिटेन्डेंट के पद से अपनी प्रशासनिक करियर की शुरुआत की। साल 1991 में त्रिशूर में जिला अधीक्षक के पद पर भी तैनात हुईं। इसके बाद वो वायनाड, Pathanamthitta और Alappuzha में भी तैनात रहीं।
इसके बाद उन्होंने सीबीआई में अपनी सेवा दी और यहां उन्होंने कई बड़े कारनामों को अंजाम दिया। बात साल 2000 की है, श्रीलेखा को भनक लगी कि आबकारी अधिकारियों की शराब माफिया से सांठगांठ है। कलेक्टर के साथ श्रीलेखा वहां छापा मारने पहुंचीं। शराब और नकदी पकड़ी गई, उस वक्त श्रीलेखा को शराब माफिया ने 1 करोड़ रु. की रिश्वत लेकर छोड़ने को कहा था, लेकिन श्रीलेखा नहीं मानीं। एक अन्य मामले में माफिया ने श्रीलेखा के बेटे को अगुवा करने की धमकी दी, लेकिन वे टस से मस नहीं हुईं।
निडर लेडी आईपीएस ऑफिसर श्रीलेखा के बारे में बताया जाता है कि उन्हें मर्डर मिस्ट्री को हल करना शुरू से ही पसंद रहा है। उन्होंने 2003 में एक बुक लिखी, जिसमें छोटी कहानियों का संकलन है। इस पर एशियानेट चैनल पर सीरियल बने हैं। इन कहानियों में उन्होंने हत्यारों की योजनाएं और पीड़ित की मानसिकता को समझाने का प्रयास किया है।
बता दें कि पीजी के बाद श्रीलेखा कॉलेज में ही पढ़ाती थीं। वे करुन्गपल्ली के विद्याधिराजा कॉलेज में लेक्चरर हो गई थीं, इसके बाद रिजर्व बैंक में ग्रेड बी ऑफिसर और फिर स्टेटिस्टिकल ऑफिसर बनाकर मुंबई भेजी गई थीं। श्रीलेखा के पिता ने सेना में अपनी सेवा दी है। 26 साल की उम्र में वो जनवरी 1987 में केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी थीं।