कोविड-19,टीकाकरण पहले डोज का 97.2 प्रतिशत हेल्थ वर्कर्स और 90.49 प्रतिशत फ्रंट लाईन वर्कर्स का हुआ वैक्सीनेशन,
वैैैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार करना आवश्यक,
(अशोक कुमार अग्रवाल ) जांजगीर-चांपा 13 मार्च 2021 जिले में कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया 16 जनवरी से प्रारभ कर दी गई है। प्रथम चरण में 10,405 हेल्थ वर्कर्स को टीका का लक्ष्य रखा गया था। जिसके विरूद्ध 10114 अर्थात 97.2 प्रतिषत हेल्थ वर्कर्स को प्रथम डोज का टीका लगाया जा चुका है। वैक्सीन का दूसरा डोज 7,698 हेल्थ वर्कर्स को लगाया जा चुका है। निर्धारित अवधि 28 दिन पूर्ण होने पर टीका का दूसरा डोज लगाया जा रहा है। स्वास्थ विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दूसरे चरण में फ्रंट लाईन वर्कर्स राजस्व, पुलिस, पंचायत, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया। जिसमें 6,025 लोगों का टीका करण किया जाना था। इसके विरुद्ध- 5,452 अर्थात 90.49 प्रतिशत को प्रथम डोज का टीका लगया जा चुका है। शेष का टीकाकरण जारी है। 28 दिन पूर्ण होने पर दूसरे डोज टीका भी लगाया जा रहा है। टीकाकरण अभियान में विगत 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों तथा विशेष बीमारियों के साथ 45 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले व्यक्तियों को टीका लगाया जा रहा है। इनमें 60 वर्ष से अधिक आयु के 8,823 नागरिकों को प्रथम डोज का टीका लगाया गया है। विशेष बीमारियों के साथ 45 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले 466 व्यक्तियों को प्रथम डोज का टीका लगया गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ‘कोविशील्ड’ टीका-
छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा पहली खेप में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ‘कोविशील्ड’ टीके उपलब्ध कराए गए हैं। ये टीके आईसीएमआर द्वारा प्रमाणित हैं। इन सब की जानकारी कोविन पोर्टल में एंट्री की गई है। टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना या आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर से लेकर टीकाकरण स्थलों तक एईएफआई (एडवर्स इवेंट फालोइंग इम्यूनाइजेशन ) प्रबंधन प्रणाली सुदृढ़ किया गया है।
28 दिनों के अंदर दूसरी खुराक लेना आवश्यक-वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर दूसरी खुराक लेना होगा। सेकंड डोज लेने के दो सप्ताह के अंदर आम तौर पर एंटीबाडी का सुरक्षात्मक स्तर इम्यूनिटी विकसित होती है। वैैैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार करना आवश्यक होगा जिससे कोरोना के खतरे को कम किया जा सकेगा। टीका मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करके लगाया जा रहा है। टीका लगाने के बाद हितग्राही को आधे घंटे निगरानी कक्ष में रखा जाता है। टीका लगाने में कोई शंका, डर नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसमें इनएक्टिव वायरस का उपयोग किया गया है।