मास्क सही तरह से पहनने के लिए जनजागरूकता जरूरी,
कोरोना अनुकूल व्यवहार कर संक्रमण से बचा जा सकता है,
(अशोक कुमार अग्रवाल )
जांजगीर-चांपा 24 मार्च 2021 कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए शासकीय प्रयासों के साथ ही जनजागरूकता की जरूरत भी है। लोगों को यह समझना होगा कि यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के दूसरे के निकट संपर्क में आने, खांसने ,छींकने,बोलने से होती है और हवा के जरिये फैलती है। इससे बचने का उपाय सरल है मास्क सही तरीके से लगाया जाए,मुंह और नाक अच्छी तरह ढंककर ,गले में नही लटकाकर। गले में मास्क लगा कर हम अर्थ दंड से बच सकते है पर कोरोना से नही। मास्क को बोलते समय भी नही हटाया जाए क्योंकि उसी समय अपनी थूक के साथ इसके कण तेजी से बाहर निकलते हैं। लोगों को यह आशंका होती है कि बोलते समय मास्क उतारने से ही आवाज साफ सुनाई देगी जबकि ऐसा नही है । मास्क पहने रहने से भी आवाज साफ सुनाई देती है, बस थोड़ी उंची आवाज में बोलना पड़ता है जो कि स्वयं संक्रमित होने या दूसरों को करने से बेहतर है।
एक जन अभियान शुरू करना होगा कि जो व्यक्ति मास्क न पहना हो ,उसे प्रेरित किया जाए,जो दुकानदार या उसके कर्मचारी मास्क न पहने हों और बोलने पर भी नही मान रहे हो ,उनसे सामान न लिया जाए। लोग इसे स्वयं अपनी सोसायटी , कालोनी ,कांम्प्लेक्स में लागू करा सकते हैं। हर व्यक्ति यदि ऐसा सोचेगा और करेगा तभी हम अपने गांव,शहर ,प्रदेश और देश में कोरोना के संक्रमण को रोक सकते हैं।
जिन देशो में सामान्य गतिविधियां प्रारंभ हो गई हैं वहां भी मास्क पहन कर ही सभी कार्य किए जा रहे हैं।
अभी भी समय है संभलने का क्योंकि त्यौंहारों का मौसम भी आ रहा है,जब सबसे अधिक सतर्कता की आवश्यकता है। कोरोना से बचने के तीन मूल मंत्र मास्क सही तरह से पहनें, भीड़ से बचें और हाथों को साफ रखें।