पैरादान दिवस,10 दिसंबर,
औराईकला के किसानों ने 6 ट्रैक्टर से अधिक किया पैरा दान ,
आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किए जा रहे जिले के गौठान,
कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ की मौजूदगी में औराईकला में मनाया गया पैरादान दिवस,
(अशोक कुमार अग्रवाल )
जांजगीर-चांपा 10 दिसंबर 2020 कलेक्टर श्री यशवंत कुमार और जिला पंचायत सीईओ श्री तीर्थराज अग्रवाल की उपस्थिति में आज नवागढ़ विकासखंड के ग्राम औराईकला के आदर्श गौठान में पैरादान दिवस का आयोजन किया गया। कलेक्टर ने पैरादान करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करते हुए गौठान को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने की बात कही। किसानों से प्राप्त पैरा को सुरक्षित रखने के निर्देश गौठान प्रभारी को दिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक समूहों को गौठान के माध्यम से कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने चारागाह परिसर, अंजोला टैंक, वर्मी कंपोस्ट सेड, मशरूम उत्पादन केंद्र, सीपीटी, बाड़ी, बायोगैस प्लांट का निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने कहा कि कृषि, उद्यान एवं पशुपालन से संबंधित विभागों के सहयोग से गौठान को आजीविका केन्द्र के रूप मे विकसित किया जा रहा है। गौठान के माध्यम से स्थानीय स्व- सहायता समूह को कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर कार्य उपलब्ध होने से गांव के ही स्व-सहायता समूहों को आजीविका के साधन उपलब्ध होंगें। गौठान परिसर में सब्जी, फल उत्पादन, मशरूम उत्पदन, मछली पालन, खाद निर्माण आदि का कार्य किया जाएगा। साथ ही गोधन न्याय योजना के माध्यम से चरवाहों और पशुपालकों को गोबर बेचने से प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।
जिला पंचायत सीईओ श्री तीर्थराज अग्रवाल ने अवगत कराया कि गौठान में बनाए गए 48 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद को सहकारी समिति के माध्यम से बेचा जा चुका है। जिसका लाभ यहां के समूह के सदस्यों को मिला है। इस गौठान मे 46 गोबर विक्रेताओं का पंजीयन कराया गया है। जिनके माध्यम से गोबर उपलब्ध करवाया जाता है। परिसर में ही खाद उत्पान, सब्जी भाजी उत्पादन का कार्य प्रारंभ हो गया है। मछली पालन, कुकुट पालन, मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण समूह के सदस्यों को दिया गया है। परिसर में उत्पादित सब्जियों की सप्लाई लॉकडाउन के दौरान क्वारंटीन सेंटरों में की गई थी।
जनपद पंचायत सीईओ श्रीमती नेहा सिंह ने बताया कि गौठान परिसर में पपीता, कटहल, गेंदा फूल, एलोवेरा, सीताफल आदि भी रोपे गए हैं । गौठान परिसर में अमृत टैंक बनाया गया है, जिसमें मवेशियों के उपचार के लिए औषधि तैयार की जाएगी। निरीक्षण के दौरान संयुक्त कलेक्टर सचिन भूतड़ा, डिप्टी कलेक्टर श्री करूण डहरिया, स्व सहायता समूह के सदस्य पदाधिकारी कृषि उद्यान मछली सहकारिता विभाग के अधिकारियों पर स्थित थे।