आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, शासन का महत्वपूर्ण दायित्व निभाने पर भी नहीं माने जाते शासकीय कर्मचारी
(जे पी अग्रवाल )
खरसिया 15 फरवरी 2021 अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बहनों ने जनपद के सामने एक दिवसीय प्रदर्शन कर शासकीय कर्मचारी घोषित करने अन्यथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए करने को लेकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
सोमवार को समस्त मुख्यालयों में आंगनबाड़ी सेविकाओं ने जायज मांगों को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक शाला के रूप में घोषित किया जाए तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शिक्षिका तथा सहायिका को सहायक शिक्षिका घोषित किया जाए, वहीं जब तलक यह घोषणा ना हो तब तक कार्यकर्ता को न्यूनतम वेतनमान 18000 तथा सहायिका को 9000 रुपए प्रति माह दिया जाए। सामाजिक सुरक्षा देकर उचित श्रेणी में शामिल किया जाए। आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन, ग्रेच्युटी, चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जाए तथा सरकारी कर्मचारी की तरह आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश तथा विभिन्न त्योहारों पर अवकाश प्रदान किया जाए। विडंबना है कि सर्वाधिक परिश्रम एवं जवाबदारी से भरे शासकीय कार्य इन्हीं बहनों के हिस्से आते हैं अपनी ड्यूटी के अलावा समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासन द्वारा निर्धारित बीपीओ, आर्थिक जनगणना पल्स पोलियो राशन कार्ड सत्यापन ओडीएफ आदि के कार्य भी निष्ठा पूर्वक निभाए जाते हैं। बावजूद इन मेहनतकश बहनों को तनख्वाह के रूप में बहुत कम राशि प्राप्त होती है।
मिथिला राठौर, सुमन महंत, पुष्पा गुप्ता, लता साहू, सरोजिनी खूंटे, अनुसुइया पटेल, उमा पटेल, आगास सिदार, तुलसी पटेल, जमुना पटेल, संजू महंत, त्रिवेणी राठिया, पद्मिनी चौहान, शुक्रिता राठिया, अनीता बघेल, कौशिल्या चौहान, लक्ष्मी चौहान, लक्ष्मीन यादव, उर्मिला डनसेना, दूजबाई चौहान, कौशल्याबाई पटैल, ममता सारथी, सूरजकांति राठिया, चैतिन बाई तथा असंगठित क्षेत्र प्रभारी नरेश सिंह चौहान सहित सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बहनों ने इस अवसर पर जमकर नारेबाजी की।