27 फरवरी से 11 मार्च तक मेला भरेगा
जिला प्रशासन ने नगर पंचायत को दी शिवरीनारायण में माघी मेला भराने की अनुमति,
मेले का आयोजन 27 फरवरी से 11 मार्च तक,
सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर कोविड-19, के प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
(अशोक कुमार अग्रवाल )
जांजगीर-चांपा, 23 फरवरी, 2021 जिला प्रशासन द्वारा नगर पंचायत शिवरीनारायण को माघ मेले के आयोजन की अनुमति दे दी है। मेले के लिए अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम को नोडल और अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जांजगीर को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। मेला का अयोजन 27 फरवरी से 11 मार्च तक किया जाएगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए मेले में शामिल होने वालों को कोविड-19, प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा।
माघ पूर्णिमा के पश्चात अन्य दिनों का मेला प्रातः 10 बजे से रात्रि 10 बज तक आयोजन की अनुमति होगी।
मेले में चलित सिनेमा की रात्रि 11.30 बजे तक अनुमति दी गई है। मेले के दौरान भारत सरकार, छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी कोविड-19, के प्रोटोकाल का पालन आयोजन समिति, अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों द्वारा करवाया जाएगा।
मेले के दौरान कोविड-19, सहित स्वास्थ्य सुरक्षा के निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाया जाएगा। अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 निगेटिव का रिपोर्ट साथ में लाना होगा। यह रिपोर्ट 3 दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। मेला स्थल के प्रवेश द्वार पर पहचान पत्र के आधार पर आगंतुकों की पंजी संधारित की जाएगी। सभी आगंतुकों को पहचान पत्र लेकर आना अनिवार्य होगा। इस संबंध में प्रचार-प्रसार के लिए सभी एसडीएम को मुनादी कराने के निर्देश दिए गए है। मेला स्थल में प्रवेश के पूर्व आगंतुको का थर्मल स्केन किया जाएगा। अलक्षण वाले आगंतुकों को प्रवेश की अनुमति होगी। बिना मास्क का प्रवेश वर्जित रहेगा। प्रवेश एवं निकास बिन्दूओं के साथ-साथ परिसर के भीतर समान्य क्षेत्रों में हेण्ड सेनेटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दायित्व आयोजन समिति का होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेला स्थल पर कोविड जांच की व्यवस्था की जाएगी।
मेला स्थल की निगरानी के लिए भीड़ संभावित वाले स्थानों पर सी.सी कैमरे की व्यवस्था समिति द्वारा की जाएगी। दुकानदार एवं कर्मचारियों द्वारा कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर ही स्टाल लगाने की अनुमति दी जाएगी। चार-पांच दुकानों का कलस्टर बनाकर बैरिकेटिंग कर समाजिक दूरी का पालन करते हुए दुकान का संचालन करना होगा। एक दुकान में चार लोगों को काम करने की अनुमति होगी। दुकानदारों को इनवर्टर की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
सभी दुकानदार सैनिटाइजर की व्यवस्था स्वयं करेंगे। भीड़ वाले आयोजन जैसे मौत का कुआं, ओपन थिएटर, सरकस आदि में निर्धारित क्षमता के अनुसार ही प्रवेश की अनुमति होगी। इन स्थानों पर नगर पंचायत के स्वयसेवक तैनात रहेंगे।
नदी घाट में गहराई वाले स्थानों का चिन्हाकन कर वहां लोगों का जाना वर्जित किया जाएगा। वन और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा मेला स्थल पर बांस से बेरिकेटिंग की व्ययस्था की जाएगी। इसी प्रकार नदी घाट की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए गोताखोर तीन बोट, फायर ब्रिगेड आदि की व्यवस्था जिला सेनानी द्वारा की जाएगी। पीएचई के अधिकारियों को मेला के दौरान पेयजल व्यवस्था के लिए सभी हेण्डपंप चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। सार्वजनिक शौचालयों, स्नान घरों तथा दुकान बंद होने के पश्चात दुकानों की सेनेटाइजेशन नगर पंचायत द्वारा प्रतिदिन की जाएगी।
मेले में सामूहिक रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक कार्यक्रम, भजन-कीर्तन की अनुमति नही होगी। इस संबंध में प्रचार-प्रसार करने नगर पंचायत को निर्देशित किया गया है।
मेला स्थल के बाहर वाहन पार्किंग के लिए पांच से अधिक स्थानों का चिन्हाकंन करने एवं बाइपास मार्ग की व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग को निर्देशित किया गया है।
मेले के दौरान या मेला स्थल में यदि कोई व्यक्ति कोविड पाजीटिव होता है तो सम्पूर्ण ईलाज का दायित्व आयोजन समिति का होगा। मेला के कारण क्षति होने की स्थिति में मुआवजा का भुगतान आयोजन समिति को करना होगा।
धार्मिक व पूजा स्थल के संबंध में निर्देश-प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर और थर्मल स्केनिंग की व्यवस्था करनी होगी। फेस कव्हर या मास्क के साथ अलक्षण वाले व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाएगा। भीड़ एकत्रित ना हो इसके लिए आगंतुको को बारी-बारी से प्रवेश करना होगा। श्रद्धालुओं को जूता-चप्पल को अपने वाहन में रखकर पूजा स्थल पर आने के लिए निर्देशित करने कहा गया हैं। साथ ही अलग-अलग स्लाट पर जूता चप्पल रखने की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया है। कतार में खड़े दो व्यक्तियों के मध्य की दूरी छह फीट रखने के कहा गया है। मूर्ति व पवित्र पुस्तक आदि को स्पर्श करने की अनुमति नही होगी। सामुदायिक रसोई/लंगर/अन्नदान की व्यवस्था होने पर फिजिकल डिस्टेंसिंग के मापदंडो का पालन करना होगा। प्रसाद वितरण पवित्र जल का छिड़काव, घंटी बजाने की अनुमति नही होगी। नियमित सफाई, सेनेटाइजर की व्यवस्था करने के लिए मंदिर समिति को निर्देशित किया गया है।