पुलिस आरक्षक पुष्पराज सिंह की संदेह अवस्था में मौत ,हत्या या आत्महत्या पुलिस जांच में जुटी
(क्राइम रिपोर्टर द्वारा )
जांजगीर (हाई टेक न्यूज )सड़क किनारे मिली आरक्षक की लाश: पुलिस का दावा- सड़क किनारे तार में उलझ कर दम घुटा, परिजन बोले- ये हत्या है; एक दिन पहले सोशल मीडिया पर लिखा था- सस्पेंड करने की मिल रही धमकी तस्वीर जांजगीर के सक्ती थाने में पदस्थ जवान पुष्पराज सिंह की है। इस मौत की वजह से अब पुलिस विभाग ही सवालों के घेरे में है। जांजगीर/ छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में गुरुवार की रात करीब 12 बजकर 45 मिनट पर एक आरक्षक की मौत हो गई। इस आरक्षक का नाम पुष्पराज सिंह था। सड़क के किनारे पुष्पराज की स्कूटी गिरी मिली, उसके शरीर पर बिजली के तार लिपटे मिले, गले में भी तार उलझा हुआ था। पुलिस इसे एक हादसा बता रही है, मगर घर वाले इसे हत्या होने का दावा कर रहे हैं। जांजगीर पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है। पुष्पराज की लाश देशी शराब दुकान के पास की सड़क पर मिली। जब मौके पर पुलिस और कुछ लोग पहुंचे तो इस हाल में पुष्पराज का शव मिला। पुलिस के मुताबिक ऐसे हुई मौत अब तक की जांच में पुलिस ने पाया कि पुष्पराज की स्कूटी सड़क किनारे लगे तार में फंस गई। स्कूटी रफ्तार में होने की वजह से अनियंत्रित होकर घुम गई और तार पुष्पराज के गले में कसता चला गया। इसी वजह से पुष्पराज का दम घुट गया और उसकी मौत हो गई। हालांकि फॉरेंसिक एक्सपर्ट इस मामले की बारीकी से पड़ताल कर रहे हैं। पोस्टमार्टम के लिए भी पुष्पराज का शव भेजा गया, जिससे मौत की वजह और साफ हो सकेगी। शव की हालत देखकर घर वालों ने हादसे से इनकार कर इसे हत्या बताया है। मौत से पहले मिली थी धमकी पुष्पराज साहू ने एक दिन पहले अपने फेसबुक पर एक पोस्ट किया था। इसमें उसने लिखा था कि उसे बर्खास्त करने या सस्पेंड करने की धमकी मिल रही है। पुष्पराज लगातार, पुलिस वालों से पुलिस लाइन में मजदूरों की तरह काम करवाने, खराब क्वालिटी के बुलेट प्रूफ जैकेट, नक्सल मामले पर पुलिस और सरकार की नीतियों पर खुलकर खिलाफत करते रहे हैं। फेसबुक पर पुष्पराज की आखिरी पोस्ट । घर वाले बोले ये- प्लांड मर्डर है पुष्पराज के भाई ने हादसे की जगह का मुआयना किया। मीडिया से उसने कहा कि उसके भाई की हत्या की गई है। दरअसल आए दिन सोशल मीडिया पर पुष्पराज पुलिस विभाग के अफसरों यहां तक की गृहमंत्री के खिलाफ भी बातें लिखकर पोस्ट करता रहा है। उसने हाल ही में जिले के एक थाने के प्रभारी के खिलाफ पोस्ट की थी, उसमें लिखा था कि 1 लाख रुपए महीना घूस लेकर इंस्पेक्टर जुए के अड्डे चलवाता है। अब ये पोस्ट पुष्पराज के फेसबुक पर नहीं दिख रही। पुष्पराज के परिवार के लोगों ने इसी तरह के विवाद को उसकी हत्या की वजह बताया और अंदेशा जताया है कि किसी ने इसी वजह से नाराज होकर पुष्पराज की हत्या कर दी। पुष्पराज की मौत के मामले में अब विभाग जांच कर रहा है। तीन बार हुआ बर्खास्त, हर बार मिली जॉइनिंग पुलिस सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहला मामला है कि किसी आरक्षक को तीन बार बर्खास्त किया गया हो और तीनों बार इसे जॉइनिंग दे दी गई हो। अक्टूबर 2019 में पुष्पराज पर इल्जाम लगा था कि इसने पुलिस आंदोलन को हवा दी। इसके बाद एक बड़े गांजा तस्कर से 60 हजार रुपए लेकर उसे छोड़ने, 109 दिन तक ड्यूटी में अनुपस्थित रहने, एसपी से बहस करने के मामले में पुष्पराज को बर्खास्त किया जा चुका है। मगर हर बार विभागीय जांच और सरकारी नौकरी के नियमों के जरिए पुष्पराज के खाते में दोबारा बहाली आई। इस वक्त वो सक्ती थाने में पोस्टेड था।
ज्ञातव्य है कि उसकी मौत का पोस्ट मार्टम तीन डॉक्टरों की टीम ने आज किया था , शार्ट पी एम रिपोर्ट में कॉर्डियो रिस पैरेट्री अरेस्ट ( ह्रदय की धड़कन रुकने ) से मौत का खुलासा हुआ है ।
पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने निष्पक्ष जांच हेतु जांजगीर चाम्पा कलेक्टर को न्यायिक जांच हेतु प्रतिवेदन प्रेषित किया है ।
स्वर्गीय पुष्पराज सिंह विगत वर्ष चर्चा में तब आये थे जब वर्ष 2020 के कोरोना संक्रमण काल में उन्होंने अपनी एक साल की तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने की घोषणा करके पुरे प्रदेश में पुलिस महकमे में वाही वाही लूटी थी ,स्वमं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ,गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू सहित पुलिस के आला अधिकारियों ने इसके लिए उसको बधाइयां भी दी थी ।