पति को कोरोना में खोने के बाद सात साल के बच्चे के साथ 7 माह से परेशान पत्नी प्रियंका,कंपनी के जिम्मेदार अफसरों की हुई लापरवाही उजागर ,CM सहित उच्चाधिकारियो से न्याय की गुहार
आदित्य बिड़ला ग्रुप हिंडालको में इंजिनियर इलेक्ट्रिकल्स पद पर रहे कार्यरत
संक्रमण के बाद इलाज में भी बरती गई, घोर लापरवाही
कंपनी के जिम्मेदार अफसर अनुकंपा नियुक्ति व क्षतिपूर्ति राशि के लिए कर रहे टालमटोल
बच्चे के लालन पालन व जीविकोपार्जन के लिए भी हो रही है परेशानियां
पति के ड्यूटी के दौरान कोरोना कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक पति के संक्रमण से मृत्यु के बाद अनुकम्पा नियुक्ति एवं क्षतिपूर्ति राशि के लिए कर रही है गुजारिश
(अशोक कुमार अग्रवाल )
रायगढ़ (हाईटेक न्यूज ) 27मई 2021 जिले के तमनार मेलुपारा स्थित आदित्य बिड़ला ग्रुप हिंडालको में इंजीनियर इलेक्ट्रिकल के पद पर पदस्थ रहते हुए सेवाकाल में ही कोरोना संक्रमित हुए जयप्रकाश तिवारी की मृत्यु के बाद अब पत्नी प्रियंका अपने अनुकंपा नियुक्ति व क्षतिपूर्ति राशि के लिए सात माह से चक्कर काट रही है। जब कंपनी के जिम्मेदार अफसरों ने नही सुनी तब प्रियंका तिवारी द्वारा कलेक्टर रायगढ़ सहित कमिश्नर व मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।
जानकारी के मुताबिक जय प्रकाश तिवारी रायगढ़ जिले के तमनार मेलुपारा स्थित आदित्य बिड़ला ग्रुप हिंडालको में कई वर्षों से इंजिनियर इलेक्ट्रिकल्स पद पर कार्यरत थे। कोरोना काल के दौरान इंजीनियर जयप्रकाश तिवारी को कंपनी द्वारा 21 सितम्बर 2020 से 04 अक्टूबर तक के लिये ड्युटी करने बुलाया गया। इस दौरान कंपनी के क्वार्टर में ही रूककर ड्यूटी कर रहे थे,ड्युटी में जाने के पहले उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव्ह आयी थी। 4 अक्टूबर को उन्हें ड्युटी से मुक्त करना था लेकिन अधिकारियों द्वारा तबियत खराब होने के बावजूद आगे भी उनसे ड्युटी करायी गयी। जिनसे उनकी तबियत और अधिक खराब हो गयी। 07 अक्टूबर को वो ड्युटी भी नहीं कर पाये और कंपनी के क्वार्टर में ही रूके रहे। फिर भी कंपनी वालों ने कोई मदद नही की। 08 अक्टूबर को तमनार स्थित हास्पिटल ( जो कंपनी के ही
अधिनस्थ है ) में जाकर अपना कोरोना टेस्ट कराया, जहां उनका रिपोर्ट पाजिटिव्ह आ गयी। तब जयप्रकाश तिवारी को कंपनी के द्वारा मेडिकल कालेज रायगढ़ भेज दिया गया। जबकि वो चाहते थे कि उन्हें बिलासपुर अथवा रायपुर इलाज के लिये भेजा जावे। लेकिन कंपनी के द्वारा नहीं भेजा गया। मेडिकल कालेज में ही कंपनी की निगरानी में इलाज चल रहा था। उनकी बिगड़ती स्थिति के बावजूद भी कहीं सर्वसुविधा युक्त हास्पिटल में उन्हें नहीं भेजा गया और ना ही परिवारजनों को कोई जानकारी दी गई। 11 अक्टूबर 2020 को जयप्रकाश तिवारी का निधन हो गया। निधन के पश्चात् कंपनी के जिम्मेदार अफसरों ने सहानुभूति दिखाते हुए आश्वासन दिया था कि पत्नि प्रियंका तिवारी को ( जिसके साथ 07 वर्ष का का लड़का है ) उनके मूल निवास बिलासपुर के आसपास कंपनी से संबंधित संस्थान में अनुकम्पा नौकरी दे दी जायेगी तथा क्षति पूर्ति राशि दी जायेगी। मगर सात माह बीतने के बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई।। पति को खोने के बाद बेबस और लाचार पत्नी प्रियंका अब न्याय के लिए जगह जगह गुहार लगा रही है। अब कंपनी द्वारा अनुकंपा नियुक्ति व क्षतिपूर्ति राशि का प्रावधान नही होने के हवाले से दरदर ठोकरें खाने मजबूर छोड़ दिया गया है। अब कंपनी के जिम्मेदार अफसरों द्वारा इस संबंध में कोई बात भी नही की जा रही है। इंजीनियर जयप्रकाश तिवारी की मृत्यु को 7 माह बीत जाने के पश्चात् भी उनके तक पी.एफ. की राशि भी नहीं दी गई है।
बता दें पत्नी प्रियंका व 7 वर्ष के बच्चे पूर्णतः पति की आय पर ही निर्भर रहे अब उनका कोई सहारा नही है। ऐसे में पति खोने का दुख बाद में 7 वर्षीय पुत्र के साथ अनुकंपा नियुक्ति, क्षतिपूर्ति राशि सहित पीएफ फंड के लिए पत्नी परेशान है। कहीं सुनवाई नहीं होने पर अब पत्नी प्रियंका कलेक्टर रायगढ़,कमिश्नर बिलासपुर सहित मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। ताकि 7 वर्षीय बालक के साथ अब आश्रित रही पत्नी प्रियंका को अनुकंपा नियुक्ति मिल सके,पति के बिछड़ जाने के बाद अब गुजर बसर के लिए रोजगार सहित आजीविका चलती रहे।