बलात्कार के आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा ,विशेष न्यायाधीश का महत्वपूर्ण फैसला
(अशोक कुमार अग्रवाल )
सकती (हाईटेक न्यूज ) 04सितम्बर 2021 अभियोजन के अनुसार घटना का विवरण इस प्रकार से है कि महिला द्वारा थाना नगरदा आकर एक रिपोर्ट दर्ज कराई कि 3 माह पूर्व वह अपने पति के साथ ग्राम कुधरीटार जाकर डॉक्टर राधे कंवर के पास जाकर अपना चेकअप व झाड़-फूंक कराए तब डॉक्टर राधे कंवर ने उसे दवाई दिए था । उसके बाद पुनः सोमवार को चेकअप के लिए गए तो चेकअप कर इंजेक्शन दिया जिससे वह नशे में आ गई तब आरोपी राधेलाल उसके साथ घर अंदर लेकर जाकर उसका कपड़ा उतार कर अनाचार किया दिनांक 5.4. 2019 के करीब 10:00 बजे वे लोग पुनः डॉक्टर राधेलाल के पास गए तब वह उसके पति को पर्छी में बिठाकर महिला को अंदर पर्दे वाली कमरे में बुलाकर बेड में लिटा कर उसके कमर में इंजेक्शन लगाया तथा दूसरी बार उसकी पेन्टी को उतार कर उसके प्राइवेट पार्ट में दोबारा इंजेक्शन लगाया जिससे वह थोड़ी बेहोश हो गई तो उसके साड़ी को उठाकर उसके साथ गलत कार्य किया दर्द होने पर महिला द्वारा चिल्लाने पर उसका पति कमरे के अंदर आकर आरोपी को उसके ऊपर से खींच कर मारते हुए उठाकर हाथ झापड़ से मारपीट किया इस प्रकार अभियुक्त राधेलाल महिला को इलाज का बहाना बनाकर उसके पति को बाहर बैठा कर उसके साथ दैहिक शोषण करते हुए उसका बलात्कार किया है तथा उसके बच्चे को पेट में मार डालूंगा की धमकी दिया है। महिला की उक्त रिपोर्ट पर आरोपी के विरुद्ध धारा 376 भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया जांच के दौरान धारा 328 भारतीय दंड विधान जोड़कर अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में अभियुक्त को आरोप पढ़कर सुनाए जाने पर अभियुक्त के द्वारा अपने आप को निर्दोष होना व्यक्त किया गया है। न्यायालय में कुल 12 गवाहों को प्रस्तुत किया गया, प्रार्थीया ने बताया कि उसकी शादी सन 2017 में हुई थी उसका कोई बच्चा नहीं है इस कारण व इलाज कराने खरसिया जाते थे उसकी बुआ बताई थी कि ग्राम कुधरीटार में एक डॉक्टर है जो उसकी पहचान का है तब वह फरवरी 2019 में आरोपी के घर पहली बार गई थी । उसके साथ उसका पति और बुआ भी गए थे तब आरोपी झाड़-फूंक किया था और एक माह का दवाई देकर एक माह बाद आने को बोला था। एक माह बाद गर्भधारण की जांच कराई तो रिपोर्ट धनात्मक आया था इसकी जानकारी आरोपी को फोन से दिए तब आरोपी उन्हें बुलाया था तो यह लोग आरोपी के घर गए जहां आरोपी ने झाड़-फूंक और पूजा पाठ किया था फिर वह लोग वापस आ गए। होली के बाद यह लोग पुनः आरोपी के पास गए यहां महिला का चेकअप किया था उसका पति बाहर बैठा था। दिनांक 1.4. 2019 को दवाई लेने के लिए आरोपी अपने घर बुलाया तो वह अपने पति के साथ आरोपी के घर गई, आरोपी ने उसके पति को बाहर बैठा दिया और उसे चेकअप करने के लिए अंदर ले गया और उसे लेटने के लिए बोला आरोपी ने उसे इंजेक्शन लगाया उसके बाद आरोपी उसकी साड़ी को उतारकर उसकी गुप्तांग को छेड़छाड़ कर रहा था और उसके ऊपर चढ़ गया था आरोपी उससे बोला कि तुम्हारे चेकअप हो गया गर्भाशय में प्रॉब्लम है जांच के लिए फिर से आना पड़ेगा । इस बात की जानकारी महिला ने अपने पति को दी तब उसका पति बोला डॉक्टर इलाज कर रहा है गलत काम नहीं कर सकता। महिला ने न्यायालय में आगे बताया है कि आरोपी दिनांक 5.4. 2019 को बुलाए जाने पर यह लोग उसके घर गए आरोपी उसके पति को बाहर बैठा दिया और महिला को जांच के लिए अंदर ले गया तथा इंजेक्शन लगाया और महिला के गुप्तांग के साथ छेड़छाड़ कर उसके ऊपर चढ़ गया था दर्द होने पर वह जोर से चिल्लाई तब आवाज सुनकर उसका पति कमरे में आया और आरोपी को मारते हुए महिला के ऊपर से उठाया जोर जोर से चिल्लाने पर आरोपी के घर वाले तथा गांव वाले आ गए तब उसने थाना नगरदा में रिपोर्ट की थी। समस्त गवाहो के विश्लेषण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी (एफ.टी.एस.सी) द्वारा आरोपी को धारा 328 के आरोप से दोषमुक्त कर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 की उप धारा दो (ढ) के अपराध में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड से दंडित किया तथा अभियुक्त द्वारा अर्थदंड ना अदा किए जाने पर उसे 6 माह का साधारण कारावास अलग से भुक्ताए जाने का दण्डादेश पारित किया है। छ.ग.शासन की ओर से अधिवक्ता श्री ऋषिकेश चौबे अपर लोक अभियोजक/शासकीय अधिवक्ता ने पैरवी किया।