किसान हितैषी योजनाओं के लाभ के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन जरूरी,

किसान हितैषी योजनाओं के लाभ के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन जरूरी,

नवीन पंजीयन एवं पंजीकृत रकबे में हो सकेगा 31 अक्टूबर तक संशोधन

(अशोक कुमार अग्रवाल ) जांजगीर-चांपा(हाईटेक न्यूज ) 08 अक्टूबर, 2021छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धान, मक्का तथा कोदो-कुटकी और रागी उपार्जन योजना का लाभ लेने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराना जरूरी है। यह पोर्टल कृषकों को सहूलियत देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस पोर्टल को कृषक द्वारा धारित भूमि एवं बोये गए फसलों के रकबे के सत्यापन हेतु भुइयां पोर्टल से लिंक किया गया है। एकीकृत किसान पोर्टल पर कृषकों के नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत फसल/रकबे में संशोधन 31 अक्टूबर तक किया जा सकेगा। कृषकों के व्यक्तिगत, आधार एवं बैंक विवरण में संशोधन तथा वारिसान पंजीयन की कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी।

भू-धारक एवं वन पट्टाधारी कृषक का होगा पंजीयन – कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग मंत्रालय द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसके तहत पोर्टल में पंजीयन की पात्रता, शर्त, पंजीयन अवधि, पंजीकृत/रकबे में संशोधन, कृषक के व्यक्तिगत विवरण में संशोधन, वारिसान पंजीयन, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत पंजीयन पर्यवेक्षण एवं निगरानी आदि का उल्लेख किया गया है। एकीकृत किसान पोर्टल https://kisan.cg.nic.in/ में समस्त श्रेणी के भू-धारक एवं वन पट्टाधारी कृषक पंजीयन करा सकते हैं। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वन पट्टाधारक ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति, जो अपनी उपलब्ध भूमि में वृक्षारोपण करते हैं, वह भी इस पोर्टल में पंजीयन करा सकेंगे।

पोर्टल में पंजीयन की शर्ते – कृषक को राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धान एवं मक्का उपार्जन तथा कोदो, कुटकी एवं रागी उर्पाजन योजना का लाभ लेने हेतु इन योजनाओं के दिशा-निर्देश अनुसार पात्र कृषक को निर्धारित समयावधि में एकीकृत किसान पोर्टल (https://kisan.cg.nic.in/) पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। आवेदन स्वीकृत/अस्वीकृत होने की जानकारी कृषक को पोर्टल के माध्यम से दी जाएगी। पंजीयन उपरांत प्रत्येक कृषक को एक यूनिक आईडी दिया जाएगा। संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीयन नंबरदार के नाम से अथवा समस्त खाता धारकों द्वारा नामित व्यक्ति के नाम से अथवा सभी खातेदारों की सहमति से हिस्सेदारी अनुसार अलग-अलग किया जा सकेगा। इसके लिए संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाता धारकों की सहमति सह स्व-घोषणा पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। संस्थागत/रेगहा/बटाईदार/लीज/डूवान क्षेत्र के कृषकों का पंजीयन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत् किया जावेगा। इस हेतु पोर्टल में पृथक से लिंक दिया जाएगा। पोर्टल में खरीफ मौसम की कृषि फसल, उद्यानिकी फसल तथा वृक्षारोपण करने वाले कृषको का पंजीयन किया जाएगा। खरीफ 2020 में धान उपार्जन हेतु पंजीकृत/विक्रय किये गये रकबा पर ही धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, कृषि फसल, उद्यानिकी फसल एवं वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का पंजीयन किया जाएगा। कुल धारित रकबे के अधीन बोये गये समस्त फसल हेतु कृषक को ग्रामवार आवेदन करना होगा। कृषक को बोए गए फसल के रकबे की जानकारी खसरावार देनी होगी। यदि कृषक द्वारा कृषि भूमि का क्रय/विक्रय किया जाता है, तो गिरदावरी की अंतिम तिथि तक भूइया पोर्टल में प्रदर्शित कुल रकबा के अधीन संबंधित कृषक का पात्रता निर्धारित की जाएगी। संबंधित मौसम में भुइया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े तथा कृषक के आवेदन में अंकित फसल व रकबे में से न्यूनतम फसल व रकबे को विभिन्न योजनाओं हेतु मान्य की जाएगी।

पंजीकृत किसानों के डेटाबेस को आगामी वर्षों में उपयोग हेतु कैरी फरवर्ड किया जाएगा। कृषक जो, गतवर्ष के पंजीकृत डेटा में संशोधन नहीं कराना चाहते उन्हें चालू वर्ष में पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। किन्तु यदि पूर्व में पंजीकृत कृषक किसी कारण से पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं, तो निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर संशोधन करा सकते हैं। धान उपार्जन योजना एवं बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत् धान उपार्जन के दोहराव को रोकने के लिए पोर्टल में सीड प्रोडक्शन मॉडयूल तैयार किया जाएगा। प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम में भाग लेने वाले कृषकों को छ.ग. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा।
पोर्टल में पंजीयन हेतु कृषक को आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा। हितग्राही कृषकों से आधार नंबर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी कृषक के पास आधार नंबर नहीं है, तो मैदानी अमलों के द्वारा ऐसे कृषको को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। आधार नंबरों की गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी। पोर्टल में डूप्लीकेसी को रोकने के लिए आधार नंबर को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण सत्यापन किया जायेगा तथा वास्तविक हितग्राही को ही लाभान्वित करने हेतु कृषकों के बैंक विवरण का पीएफएमएस से सत्यापन कराया जायेगा। कृषि फसल लगाने वाले कृषक के आवेदन का परीक्षण व सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा। किन्तु यदि कोई कृषक उद्यानिकी फसल एवं वृक्षारोपण करता है अथवा कृषि फसल के साथ उद्यानिकी अथवा वृक्षारोपण करता है तो ऐसे कृषकों के आवेदन का परीक्षण व सत्यापन ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी अथवा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी में से किसी एक द्वारा किया जाएगा। पोर्टल पर कृषक के आवेदन का ऑनलाइन सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी को अनिवार्य रूप से करना होगा, तत्पश्चात् ही कृषक का पंजीयन संबंधित सहकारी समिति द्वारा किया जा सकेगा। फसल के रकबा निर्धारण हेतु भुंइया पोर्टल में संधारित भूमि/गिरदावरी के आंकड़ों को ही अधिकृत रुप से उपयोग किया जाएगा।
सभी फसलों का कृषकवार, खसरावार, बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से संकलित की जाएगी। गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि/भिन्नता होने पर प्रचलित निर्देश एवं प्रक्रिया के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा सुधारात्मक कार्यवाही की जाएगी। पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया के अनुसार सर्व संबंधितों द्वारा सत्यापन/ पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी।

पंजीयन अवधि – एकीकृत किसान पोर्टल पर कृषकों के नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत फसल/रकबे में संशोधन की कार्यवाही 31 अक्टूबर तक की जावेगी। कृषकों के व्यक्तिगत आधार एवं बैंक विवरण में संशोधन तथा वारिसान पंजीयन की कार्यवाही निरंतर चालू रहेगी।

कृषकों का पंजीयन – नए कृषकों का पंजीयन खरीफ मौसम की समस्त कृषि/उद्यानिकी फसल तथा धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, कृषि फसल, उद्यानिकी फसल एवं वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराना होगा। कृषक को एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ प्रपत्र-1 में आवेदन करना होगा।

खरीफ वर्ष 2020-21 न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान करने वाले कृषकों को धान फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। किन्तु ऐसे धान उत्पादक कृषक जो खरीफ वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने हेतु पंजीयन नहीं कराए थे, उन कृषकों को नवीन पंजीयन कराना होगा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ 2021 हेतु प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति आवेदन जमा कर चुके हैं एवं फसल/रकबे में संशोधन नहीं कराना चाहते, उन्हें नवीन पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। किसान न्याय योजनांतर्गत पंजीकृत डेटा को इस पोर्टल में हस्तांतरित किया जाएगा। नवीन पंजीयन हेतु कृषक आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के पास जमा कर पावती प्राप्त कर सकेगा। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी द्वारा कृषक के आवेदन एवं आवश्यक दस्तावेज ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, पासबुक की छायाप्रति का परीक्षण एवं सत्यापन किया जावेगा। तत्पश्चात् संबंधित अधिकारी द्वारा पोर्टल पर कृषक का संबंधित ग्राम का चयन कर सत्यापन किया जावेगा। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को कृषक का आवेदन संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में कृषक से आवेदन प्राप्त करने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। कृषक के आवेदन अनुसार एकीकृत किसान पोर्टल पर सहकारी समिति द्वारा कृषक के पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी।

पंजीकृत फसल/रकबे में संशोधन –
ऐसे कृषक जो पंजीकृत फसल/रकबे में संशोधन कराना चाहते हैं, उन्हें आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका एवं बी-1 की छायाप्रति के साथ प्रपत्र-11 में आवेदन करना होगा। कृषक को पूर्व पंजीकरण के दौरान प्राप्त यूनिक किसान पहचान संख्या का उल्लेख आवेदन में करना होगा। यह खरीफ वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु पंजीकृत कृषकों तथा खरीफ 2021 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु पंजीकृत कृषकों के लिए भी लागू होगा। कृषक के आवेदन के परीक्षण, सत्यापन एवं पंजीयन की कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी।

कृषक के व्यक्तिगत विवरण में संशोधन – कृषक को व्यक्तिगत विवरण, आधार नं. एवं बैंक विवरण आदि में संशोधन कराना चाहता है, उन्हें प्रपत्र-11 में संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ आवेदन संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पास जमा करना होगा और वह इसकी पावती प्राप्त कर सकेगा। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषक के आवेदन एवं संबंधित दस्तावेज की छायाप्रति का प्रारंभिक परीक्षण एवं सत्यापन मूल प्रति से करने के उपरांत पोर्टल पर कृषक का संबंधित ग्राम का चयन कर सत्यापन किया जावेगा।

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को कृषक का आवेदन संबंधित कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी में कृषक से आवेदन प्राप्त करने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रुप से जमा करना होगा। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा संबंधित दस्तावेज का परीक्षण एवं सत्यापन कर एकीकृत किसान पोर्टल पर कृषक की जानकारी का अपडेट/संशोधन किया जावेगा।

वारिसान पंजीयन – पंजीकृत कृषक के मृत्यु होने/वारिस घोषित करने/भूमि में विवाद होने की स्थिति में एवं संबंधित कृषक के भूमि की जानकारी भुइँया पोर्टल में अपडेट नहीं होने पर कृषक को वारिसान पंजीयन हेतु आवेदन करना होगा। वारिसान पंजीयन हेतु कृषक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1 आधार नंबर शपथ पत्र इत्यादि संबंधित तहसील कार्यालय में जमा कर पावती प्राप्त कर सकेगा। तहसीलदार द्वारा कृषक के आवेदन व आवश्यक दस्तावेज का परीक्षण एवं सत्यापन किया जायेगा। पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया अनुसार तहसीलदार द्वारा कृषक से आवेदन प्राप्त करने के 15 दिवस के भीतर एकीकृत किसान पोर्टल पर वारिसान का पंजीयन किया जावेगा।

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत पंजीयन – वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत पट्टाधारक, ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन समिति का पंजीयन हेतु विकसित पोर्टल वन अधिकार को एकीकृत पोर्टल से लिंक किया गया है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजनांतर्गत वन पट्टा धारक जो नये सिरे से अपने भूमि पर वृक्षारोपण करना चाहते हैं तथा ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति जो अपने पास उपलब्ध राजस्व भूमि में वृक्षारोपण करना चाहते हैं, उन्हें योजना प्रावधानुसार निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। पात्र आवेदक को आवश्यक अभिलेख सहित निर्धारित प्रपत्र में आवेदन 30 नवम्बर तक संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में जमा करना होगा। परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा दस्तावेज सत्यापन उपरात पोर्टल में इंद्राज किया जायेगा। खरीफ वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने हेतु विक्रय किए गए रकबा पर धान के बदले वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को आवेदन करना होगा। इस हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर होगी।

पर्यवेक्षण एवं निगरानी – जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में कृषि, राजस्व, उद्यानिकी, वन, खाद्य, सहकारिता, एनआईसी एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को शामिल कर जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति का गठन किया जाएगा। समिति का आदेश जिला कलेक्टर कार्यालय से जारी किया जाएगा। समिति द्वारा किसानों के मध्य प्रचार-प्रसार तथा कर्मचारियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ कृषक पंजीयन के समस्त गतिविधियों का प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा। साथ ही समिति द्वारा पोर्टल में कुल पंजीकृत कृषकों का एक प्रतिशत रेणडम आधार पर भौतिक सत्यापन किया जाएगा।

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