सकती के नए राजा धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक धूमधाम से संपन्न ,राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने अपने जन्मदिन के तोहफे के रूप में अपने गोद पुत्र का राज्याभिषेक कराया संपन्न

सकती के नए राजा धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक धूमधाम से संपन्न ,राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने अपने जन्मदिन के तोहफे के रूप में अपने गोद पुत्र का राज्याभिषेक कराया संपन्न

(अशोक कुमार अग्रवाल )

सकती (हाई टेक न्यूज ) 19 अक्टूबर 2019 नवगठित सकती जिले के सकती राजमहल हरि गुजर पैलेस में राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह 79 वर्ष ने अपने दत्तक पुत्र धर्मेंद्र सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए विधि विधान से राजपरिवार की परम्परा अनुसार राज्याभिषेक कर दिया है । राजपरिवार में अब नए राजा का राजतिलक हो चुका है । हालांकि राजपरिवार का विवाद महल से पुलिस थाने और कोर्ट तक पहुंच चुका है। विवादों के बीच राजा ने अपने दत्तक पुत्र का मंगलवार को राजतिलक कर दिया। खास बात यह है कि इस मामले में रानी गीता देवी राणा की ओर से कोर्ट का स्थगन आदेश मिलने का दावा किया जा रहा है, लेकिन न्यायालीन आदेश की तामिली नहीं होने पर महल में आयोजित राज्याभिषेक कार्यक्रम एवं राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने अपना 79 जन्मदिन भी इस अवसर पर बड़े ही धूमधाम से मनाया । इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अमले ने भी दूरी बनाए रखी। सकती राज परिवार का समृद्ध इतिहास रहा है, लगभग 50 वर्षो तक लगातार सकती राज परिवार से ही अविभाजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से राजपरिवार के ही सदस्य विधायक निर्वाचित होते रहे है इस दरमियान अविभाजित मध्यप्रेदश मन्त्रिमण्डल में भी मंत्री बने । सकती राजमहल और राज परिवार इन दिनों फिर सुर्खियों में है, राजा और रानी के बीच चल रहा विवाद गहरा गया है । इसकी वजह है, रानी गीता राणा देवी के 30 साल बाद अपने मायके नेपाल से वापस सकती महल लौटने के बाद कुछ माह पूर्व यह विवाद शुरू हुआ है। इसके बाद विवाद बढ़ते बढ़ते पुलिस थाने तक पहुंच गया है। बताया जाता है कि मुख्य रूप से राज परिवार की संपत्ति और धर्मेंद्र सिंह को दत्तक पुत्र माने जाने को लेकर विवाद है।

रानी गीता राणा सिंह ने धर्मेंद्र को अपना बेटा मानने से इनकार करते हुए कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिस पर प्रथम सत्र अपर न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया, इधर राजा सुरेंद्र बहादुर ने विवादों के बीच मंगलवार 19 अक्टूबर को अपने 79 वे जन्मदिन के शुभ अवसर पर दत्तक पुत्र कुंवर धर्मेंद्र का राज्याभिषेक किया। राजा ने पहले ही धर्मेंद्र को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।छह दशक बाद सकती राज महल में राज्याभिषेक का मौका आया था। इससे पहले राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने महज 18 साल की उम्र में वर्ष 1960 में राजगद्दी संभाली थी, तब सभी ओर उत्साह था, लेकिन इस बार विवादों के बीच महल में राजतिलक का कार्यक्रम हुआ। बताया जाता है कि न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश की जानकारी रानी के अधिवक्ता मौखिक रूप से दी गई, परंतु पुलिस और प्रशासनिक अमले का कहना था कि आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। बहरहाल राजा रानी के विवाद के बीच रियासत के कुंवर धर्मेंद्र सिंह का कार्यक्रम संपन्न हुआ ।

नहीं मिला आदेश

महल में विवाद को लेकर रानी द्वारा शिकायत पूर्व में की गई थी। राज्याभिषेक पर स्थगन आदेश मिलने की बात कही जा रही है, लेकिन हमें लिखित में कोई आदेश माननीय न्यायालय से प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए कार्यक्रम में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया।

रूपक शर्मा ,थाना प्रभारी ,सकती


राजपरिवार सकती द्वारा आयोजित राज्याभिषेक कार्यक्रम में नए राजा धर्मेंद्र सिंह द्वारा हरिगुजर पैलेस से बग्गी में कर्मा नाचा एवं आम जनता के बीच माँ महामाया देवी की पूजा अर्चना करने के बाद वापिस महल में आए ,इस कार्यकर्म में भाग लेने के लिए सारंगढ़ राजघराने से अविभाजित मध्यप्रदेश से मंत्री रही कमला देवी सिंह ,तत्कालीन रायगढ़ लोकसभा की पूर्व सांसद पुष्पा देवी सिंह ,उवर्शी देवी ,छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पूर्व सकती विधायक मेघाराम साहू ,डॉ खिलावन साहू पूर्व विधायक ,पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी के सुपुत्र एवं जोगी कांग्रेस के पूर्व विधायक ,अमित जोगी , पूर्व मंत्री स्वर्गीय वेदराम के सुपुत्र हर्षवर्धन (बबलू ),जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लक्ष्मण मुकीम ,रघुराज पांडेय सहित भारी संख्या में दूर दराज से आये राजपरिवार के सदस्यगणों ,कांग्रेसी नेताओं ,कार्यकर्ताओ ,पत्रकारों ,ग्रामीणों ,जनप्रतिनिधियो ,पंच ,सरपंच ,जनपद पदाधिकारियों आदि उपस्तिथ रहे ।

स्थगन आदेश के बाद राज्याभिषेक -रानी के वकील का आरोप

रानी गीता देवी सिंह द्वारा प्रथम अपर सत्र जिला न्यायाधीश सकती के न्यायालय में अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की गई है, जिस पर माननीय न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया है। स्थगन आदेश के बावजूद राज्य अभिषेक का कार्यक्रम हुआ है।

विश्वनाथ सोनसरे, रानी के वकील

राज परंपरा का किया निर्वहन

राज परिवार की परंपरा अनुसार उत्तराधिकारी का राज्याभिषेक किया जाता है। मेरे पिता महाराज ने मेरा राज्याभिषेक किया था, इसी प्रकार मैने अपने पुत्र धर्मेंद्र का राज्याभिषेक करके राज्य परंपरा का निर्वहन किया है।

राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह, सकती राजा एवं पूर्व मंत्री अविभाजित मध्यप्रदेश शासन

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