ग्राम पंचायतों में संधारित होगा बैंक खाताधरियों की बीमा की जानकारी,कलेक्टर ने जिला स्तरीय पुनर्विक्षा परामर्शदात्री समिति की बैठक में दिए निर्देश
(अशोक कुमार अग्रवाल) जांजगीर-चांपा (हाईटेक न्यूज) 04 दिसंबर, 2021 कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय पुनर्विक्षा परामर्शदात्री समिति की बैठक जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना सहित विभिन्न योजनाओं के तहत बैंक खाता धारकों को बीमा योजना से जोड़ा जाता है। लेकिन खाताधारक की आकस्मिक मृत्यु होने की स्थिति में बीमा की जानकारी परिजनों को नही होने से बीमा दावा नही कर पाते हैं। अतः खाताधारकों की बीमा की जानकारी पंचायत स्तर पर संधारित किया जाए। जिससे खाताधारक के परिजनों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। कलेक्टर ने इस निर्देश के क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत सीईओ श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर को निर्देशित किया है। कलेक्टर ने बैंक शाखा प्रबंधकों से कहा कि शासन की योजना के तहत विभागों द्वारा बैंक को प्रेषित ऋण प्रकरणों पर समय सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन और पशुपालक किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाना है। इस पर भी कार्यवाही सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने केसीसी से संबंधित प्रकरणों को लंबित रखने और इस संबंध में विभाग को जानकारी नहीं देने पर कोटेक महिन्द्रा, इंडियन ओव्हर सीस बैंक के शाखा प्रबंधकों के प्रति नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने कहा कि रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार प्रत्येक शाखा को माह में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाना है। इन शिविरों में डिजीटल ट्रांजेक्शन की जानकारी अनिवार्य रूप से दें। साथ ही सावधानियों के संबंध में भी विशेष रूप से लोगों को जागरूक करें। ऐसे नगर व गांव जहां एक से अधिक बैंक शाखाएं संचालित वहां वे सामूहिक रूप से बड़ा आयोजन कर सकते हैं। कलेक्टर ने बैंक प्रबंधकों से कहा कि विभिन्न योजनाओं में वार्षिक लक्ष्य पूर्ति 30 जनवरी तक पूर्ण कर लें। ऐसे प्रकरण जिसकी ऋण स्वीकृति हो गई है। उसका वितरण 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित कर लें। ऐसे प्रकरण जो किसी कारण से लंबित है, उनके निराकरण के लिए हितग्राहियों और संबंधित विभाग के अधिकारी से समन्वय कर निराकरण 30 दिसंबर तक कर लिया जाय।
मत्स्य, डेयरी और पशुपालक के ऋण प्रकरणों के लिए बनेगी समिति – बैठक में रिजर्व बैंक के अधिकारी ने बताया कि पशुपालक, डेयरी व्यवसाय और मत्स्य पालक को कृषि का दर्जा देते हुए वित्तीय सहायता के लिए सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है। इसलिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें नाबार्ड, पशुधन विकास विभाग, मत्स्य पालक विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। विकासखंड स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविर में प्राप्त प्रकरणों को ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। जिसका निराकरण 15 दिनों के भी तर करना होगा। बैठक में खादी ग्रामोद्योग, व्यापार एवं उद्योग, अंत्याव्यवसायी सहित विभिन्न विभाग के स्वीकृति, वितरण एवं लंबित ऋण प्रकरणों की समीक्षा की गई। बैठक में रिजर्व बैंक, लीड बैंक अधिकारी, नाबार्ड विभिन्न संबंधित विभागो के जिला अधिकारी सहित जिले के विभिन्न बैंक शाखाओं के प्रबंधक उपस्थित थे।