विश्व एड्स दिवस 01दिसंबर विशेष लेख -डॉ सुमित कुमार गर्ग ,डिप्टी कलेक्टर
(अशोक कुमार अग्रवाल)
जांजगीर -चाम्पा (हाई टेक न्यूज) 30 नवंबर2021
विश्व एड्स दिवस प्रति वर्ष” 01 दिसंबर “को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सन् 1988 से हुई थी, इसका उद्देश्य एच आई वी संकृमण के कारण बढती हुई इस महामारी के प्रति आम जनों के मध्य जागरूकता का प्रचार प्रसार करना है। इस दिन सरकारी ,गैर सरकारी संगठन विश्व भर में एड्स की रोकथाम व नियंत्रण की दिशा में शिक्षा का प्रचार प्रसार करते हैं।
एड्स का पूरा नाम” एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिन्डौम ” है ,यह एक तरह का रिट्रो वायरस है। इसका नाम एचआईवी है एचआईवी का वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्र की टीलिंफोसाइट सेल्स की संख्या को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण व्यक्ति अनेक रोगों से ग्रसित हो जाता है और अंततः व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
एड्स एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो कि असुरक्षित यौन संबंधों, गर्भवती माताओं से उनके शिशुओं में , असुरक्षित रक्त हस्तांतरण (blood transfusion) इत्यादि द्वारा फैलता है।
एड्स की पहचान हेतु ‘एलाइजा टेस्ट ‘ (Enzyme linked immuno sorbent assay) को प्राथमिकता दी जाती है ,जबकि कंफर्मेटरी टेस्ट हेतु ‘Western blot test’ किया जाता है।वर्तमान में एड्स बीमारी का कोई भी कारगर उपाय खोजा नहीं जा सका है इसके उपचार हेतु ‘ART ‘अर्थात” Anti retroviral therapy “का सहारा लिया जाता है।
विश्व एड्स दिवस का प्रतीक चिन्ह ‘रेड रिबन ‘है जो कि एचआईवी पॉजिटिव लोगों के साथ एकजुटता और एड्स से संक्रमित लोगों के लिए एक वैश्विक प्रतीक है। विश्व एड्स दिवस 2021 की थीम ‘End equalities ‘ हैं अर्थात असमानताओ को समाप्त करना है।
लेखक -डॉ सुमित कुमार गर्ग ,राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं जांजगीर चाम्पा जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ है ।